Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye यह सवाल शायद आपके मन में भी आ रहा होगा। क्योंकि जब आपने पुराने कार्ड एप्रूव करवाई थी उस समय आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट काफी छोटी दी गयी थी और कार्ड कम्पनी द्वारा यह कारण दिया गया था कि आय कम है और क्रेडिट हिस्टरी बहुत छोटा है।
जी हाँ इस तरह की समस्या अक्सर बहुत से लोगों के साथ होती है। समय के साथ आय और खर्च बढ जाती है और पुराने क्रेडिट लिमिट कम पडने लगता है क्योकि आए दिन खर्च करने के नये नये साधन व तरीके आते रहते हैं। तब हम अपनी Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye के बारे में सोचने लगते हैं। इस लेख में मैंने इसी विषय को सरल व आसान करने का प्रयास किया है ताकि Apne Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye के बारे में आप अवगत हो सके और अपने क्रेडिट कार्ड कीं लिमिट को बढ़वा सके।
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अधिकांश लोग अपना पहला क्रेडिट कार्ड, (1st Time Credit Card) के लिये उस समय आवेदन करते हैं जब उनकी आय बहुत कम होती है। समय के साथ उनकी क्रेडिट लिमिट छोटी पडने लगती है और लिमिट बढाने के लिये प्रयास करते हैं। तो आइये जानते है कि आसानी से Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye
Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye, | (7 Effective तरीके) क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढाये
Credit Card Ki Limit Badhane के 7 Effective तरीके
बैंक के प्रीएप्रूव्ड ऑफर को करे एक्सेप्ट:
सामान्यतः हर कार्ड कंपनी की पॉलिसी होती है कि वह अपने कार्ड धारक के लेनदेन को ट्रैक करती है और अच्छे लेनदेन का रिकॉर्ड रखने वाले ग्राहक के लिये लिमिट बढाने के प्रीएप्रूव्ड ऑफर को एसएमएस. ईमेल, फोनकॉल, एप आदि के माध्यम से सूचित करती रहती है। आप इस ऑफर का लाभ उठाकर अपने कार्ड लिमिट को बढा सकते है। ।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने की यह सबसे सरल व आसान तरीका है। इसमे न तो कोई डॉक्यूमेंट्स भेजने की जरूरत होती है और ना ही किसी अन्य प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। केवल निर्धारित माध्यम से ऑफर को स्वीकार करने भर से कार्ड कम्पनी द्वारा क्रेडिट कार्ड लिमिट में बढ़ोतरी (Credit Card Me Limit Vridhi) हो जाती है और नये लिमिटके साथ कार्ड जारी कर दिया जाता है।
बैंक से रिक्वेस्ट करें :
सामान्य रूप से 6 महिने के समयांतराल के बाद अपने पुराने कार्ड में लिमिट बढाने के लिये बैंक से रेक्वेस्ट कर सकते है। इस अवधि में यदि आपने क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से नियमित उपयोग किया होगा और समय से बिल आदि का भुगतान किया होगा तो बैंक के साथ आपके सम्बंध व आपके कार्ड के विगत लेनदेन व भुगतान के इतिहास के आधार पर बैंक आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड मे लिमिट बढाने (Credit Card Me Limit Badhane ) के रिक्वेस्ट को स्वीकार कर सकता है।
नये आय विवरणी व आस्ति देयता बैंक को प्रस्तुत करे :
अपने वर्तमान कार्ड को आपने सम्भवतः कुछ समय पूर्व लिया होगा और उस समय आपकी आय वर्तमान से कम रही होगी। समयांतराल में आपके आय में सुधार हुआ होगा। इस बीच अगर आपने अनुशासित तरीके से कार्ड का उपयोग किया होगा और नियमित भुगातान किया होगा तो ज्यादा सम्भावना है कि आपके क्रेडिट स्कोर में भी सुधार हुआ होगा। अतः आप नये आय विवरणी और आस्ति देयता बैंक को प्रस्तुत करे और लिमिट बढ़ाने का अनुरोध करें। ज्यादा सम्भावना है कि बैंक आपके क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ाने (Credit Card ka Limit Badhane) के अनुरोध को स्वीकार करेगा।
वर्तमान कार्ड कम्पनी के नये प्रीमियम कार्ड के लिये एप्लाय करें :
कार्ड का नियमित उपयोग करें व बिल का समय से भुगतान करें। ओवरलिमिट से बचें। कार्ड उपयोग के ये अनुशासित तरीके आपके क्रेडिट स्कोर को बढाने में मदद करता है। साथ ही बैंक आपको जिम्मेवार व मूल्यवान ग्राहक के रूप में देखने लगता है। ऐसे में कार्ड कम्पनी बढ़ी हुई लिमिट के साथ बेहतर शर्तो वाला प्रीमियम कार्ड के लिये ऑफर करने लगती है। आप इस अवसर का लाभ उठाकर प्रीमियम कार्ड के लिये एप्लाय करे। इस तरीके से भी आप अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढा (Apane Credit Card Ki Limit Ko Badha) सकते हैं।
अन्य कार्ड कम्पनी से नये कार्ड के लिये एप्लाय करें :
क्रेडिट कार्ड बाजार में ढेर सारे नयी कम्पनियो के आने के कारण क्रेडिट कार्ड कंपनियों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है। हर कम्पनी दूसरे कंपनी के कार्डधारकों को आकर्षक ऑफर व बेहतर लिमिट देकर अपनी ओर खीचने का प्रयास करती है।
ऐसे में यदि आपने अपना पिछला भुगतान रिकॉर्ड अच्छा रखा है और आप अन्य कार्ड कंपनियों में नये अतिरिक्त कार्ड के लिये आवेदन करते हैं अथवा बढ़ी लिमिट के लिये अपने कार्ड को नयी कम्पनी में स्विच करते है तो सम्भावना रहती है कि नयी कम्पनी आपको ज्यादा लिमिट ऑफर करे। इस तरीके से आप अन्य कार्ड कम्पनी से नये कार्ड के लिये एप्लाय कर अपने क्रेडिट कार्ड के लिमिट को बढ़ा सकते हैं।
अपने कार्ड जारीकर्ता से निगोशियेट करें :
इस तरीके से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के लिये सबसे पहले आपको कुछ एक अन्य कार्ड कंपनियों से आपको मिल रहे लिमिट व ऑफर की जानकारी प्राप्त करनी होगी। यदि आप अपने लिमिट बढने के प्रति आश्वस्त हो जाते हैं तो आप अपने कार्ड जारीकर्ता से सम्पर्क कर कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिये निगोशियेट करें। साथ में आपको मिल रहे ऑफर व लिमिट की जानकारी भी दें।
प्रतिस्पर्धी क्रेडिट कार्ड बाजार में कोई भी जारीकर्ता अपने कस्टमर को खोना नही चाहता है। अतः अगर बैंक कै आंतरिक पॉलिसी के तहत यदि आपकी मांग उसे अनुमति देती है तो सामान्य रूप से वह आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ा देती है। इस तरह से अपने कार्ड जारीकर्ता से निगोशियेट कर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढा (Credit Card Ki Limit Ko Badha) सकते हैं।
अतिरिक्त कार्ड लिमिट के लिये सेक्योर्ड कार्ड के लिये एप्लाय करे:
यदि क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के अन्य सभी विकल्प आपके लिये बंद हो गये हों और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना आवश्यक हो, तो आप अतिरिक्त कार्ड लिमिट के लिये फिक्स्ड डिपोजिट के एवज में मिलने वाली सेक्योर्ड कार्ड के लिये एप्लाय कर अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा (Apane Credit Card Ki Limit Badha) सकते हैं। यह वैकल्पिक व्यवस्था आप तब तक इस्तेमाल कर सकते है जब तक आप नये लिमिट के लिये क़्वालिफाय नहीं हो जाते हैं।
यहाँ दिये गये 7 Effective तरीके से Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye में से किसी भी तरीके से क्रेडिट कार्ड के लिमिट को बढाया जा सकता है।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे तय की जाती है (Credit Card Ki Limit kaise Nirdharit Hoti Hai)
प्र्त्येक बैंक की आंतरिक ऋण नीति व दिशानिर्देश होती है जिसके अधीन बैक निर्णय लेकर क्रेडिट लिमिट की गणना करती है और नियत लिमिट के साथ क्रेडिट कार्ड जारी करता है। इनमे कुछ दिशानिर्देश अलग अलग बैंकों के लिये अलग अलग हो सकता है। यद्यपि अधिकांश प्रक्रिया व मानकों को सभी बैंको के द्वारा अनुसरण किया जाता है।
क्रेडिट कार्ड के लिये एप्लाय करने के समय बैंक आपसे आय, आस्ति देयता (Asset and Liability ), खाते की विवरणी, पैन कार्ड व अन्य केवायसी दस्तावेज आदि की मांग करता है। ये दस्तावेज क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बैंक इन्ही दस्तावेजो की जांच व विश्लेषण द्वारा क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति व लिमिट का निर्धारण करता हैं।
क्रेडिट कार्ड के क्रेडिट लिमिट को निर्धारित करने के कुछ नियत स्टैंडर्ड फैक्टर, फाइनेंसियल रेश्यो व डाटा होते हैं जिसका कमोवेश उपयोग कर सभी बैंक क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय करती है ।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय करने के स्टैंडर्ड फैक्टर निम्नलिखित होते है :
क्रेडिट कार्ड के प्रकार : क्रेडिट कार्डका वेरियेंट अलग अलग ग्राहक समूह को टारगेट कर तय किया जाता है। साथ ही इन वेरियेंट के फीचर्स इन ग्राहक समूह के आय व खर्च करने के पैटर्न के आधार पर तय किये जाते हैं। अतः लिमिट निर्धारण में कार्ड के प्रकार का भी खास ध्यान रखा जाता है।
उम्र : क्रेडिट कार्ड के लिमिट के निर्धारण में उम्र पर विचार किया जाता है। व्यवस्थित आय वाले युवा वर्ग को वरीयता दी जाती है।
आय : क्रेडिट कार्ड के लिये हर कम्पनी कार्ड वेरियेंट के अनुसार नियमित आय के आधार पर लिमिट का निर्णय लेती है ताकि वह आपके चुकाने की क्षमता के प्रति आश्वस्त हो जाना चाहती है।
पेशा : क्रेडिट कार्ड कम्पनियाँ क्रेडिट कार्ड में आवेदक के पेशे का भी ध्यान रखती है। नौकरी पेशा व आय के नियमित स्रोत वाले आवेदकों की कार्ड एप्रूव होने का रेश्यो अपेक्षाकृत बेहतर है। प्राइवेट कम्पनी में भी एमएनसी व अच्छी रेटेड कम्पनी के आवेदको का एप्रूवल आसानी से होता है।
आय के नियमित स्रोत की पुष्टि :
अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपके कार्ड के जारी होने की सम्भावना अधिक होती है। क्रेडिट कार्ड कम्पनी आपके आय के नियमित स्रोत की पुष्टि करती है। अगर आपकी मानक आय की पुष्टि हो भी जाती है परंतु यह एकबारगी प्राप्त हुये हैं तो संभावना है की आपका कार्ड रिजेक्ट हो जाय क्योंकि कार्ड कम्पनी आय के नियमित स्रोत के बारे में आश्वस्त हो जाना चाहती है। यही कारण है कि कृषि आय पर क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल होता है।
सम्पत्ति व देयता (Asset and Liability) : क्रेडिट कार्ड के लिमिट तय करते समय सम्पत्ति व देयता विवरणी का विश्लेषण भुगतान क्षमता व अन्य कई फिनांसियल रेश्यो के निर्धारण में किया जाता है।
EMI/NMI रेश्यो : वह आपकी मासिक आय में अन्य देयता यदि कुछ हो तो कार्ड के लिमिट निर्धारण करते समय कार्ड कम्पनी उसके ईएमआई / एनएमआई रेश्यो पर भी विचार करती है।ऐसा देय राशि चुकाने की क्षमता के निर्धारण के लिये की जाती है।
क्रेडिट स्कोर व क्रेडिट हिस्ट्री : क्रेडिट कार्ड के लिमिट निर्धारण में आपके क्रेडिट स्कोर व क्रेडिट हिस्टरी का बहुत ज्यादा ही वेटेज दिया जाता है क्योंकि यह वह आधार होता है जो आपके भुगतान के प्रति अनुशासन व क्षमता के पिचले रिकॉर्ड को बताती है।
Credit Card Ki Limit Kyon Badhvani chahiye?
ऊपर के सेक्शन में हम ने जाना कि 7 Effective तरीके से Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye. अब हम जानते है कि
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के फायदे : (Credit Card Ki Limit Badhane ke Fayde)
छोटे लिमिट वाले मल्टीपल कार्ड कैरी करने का झंझट खत्म :
जब हमारे पास छोटी लिमिट वाली कार्ड होती है तो हम अलग अलग कम्पनियो से अन्य छोटे छोटे कार्ड को जारी करवा लेते है। क्रेडिट कार्ड कि बढ़ी हुई लिमिट से छोटे लिमिट वाले मल्टीपल कार्ड कैरी करने का झंझट खत्म हो जाता है।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो(CUR) कम करने में मदद :
हमारे खर्चे का नियत पैटर्न होता है यदि हम अपने आवेग को नियंत्रण में रख पाते है। ऐसे में बढ़ी हुई लिमिट से हम खर्चे को पुराने स्तर पर ही सीमित रखे या आंशिक बढ़ोतरी करें तो इससे हमारे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को कम करने में मदद मिलती है।
क्रेडिट स्कोर सुधारने का अवसर :
बढे हुये लिमिट को अगर हम आकस्मिक जरूरतो के लिये लिक्विडिटी के रूप में देखें न कि क्रय शक्ति बढ़ाने के रूप में उपयोग करें तो क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो(CUR) कम होता है जिससे क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।
सस्ते व आसानी से लोन लेने में सुविधा:
क्रेडिट कार्ड के नियमित उपयोग व समय पर आपके द्वारा कुल राशि का भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आपको जिम्मेवार व मूल्यवान ग्राहक का दर्जा दिलाता है। ऐसे में एक अच्च्छा क्रेडिट स्कोर के साथ भविष्य में लोन लेना आसान हो जाता है} साथ ही लोन किफायती दर पर भी मिलता है।
ओवरलिमिट के खतरे व सम्भावित पेनल्टी से छुटकारा :
जब हम पहला कार्ड लेते है या बहुत समय पूर्व कार्ड एप्रूव करवाते हैं तो यह उस समय के आय व क्रेडिट स्कोर आदि के आधार पर एप्रूव होती है। समय के साथ हमारी आय बढ़ती है साथ में हमारे खर्चे में भी आनुपातिक बढोतरी होती है। अतः पुराने कार्ड की लिमिट छोटी पड जाती है। इससे दो खतरे की सम्भावना बढ जाती है। एक तो हमारी लिमिट उपयोगिता बढ़ जाती है और साथ में कभी कभी ओवरलिमिट की भी सम्भावना बढ जाती है। ये दोनों कारक हमारी क्रेडिट स्कोर को बुरी तरह से प्रभावित करती है। कार्ड लिमिट को बढ़ाने से इन दोनो खतरों से छुटकारा मिल जाती है।
इसके अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड में तय क्रेडिट लिमिट से अधिक खर्च करने की अनुमति सामान्यतया नहीं होती है। इस सीमा पर पहुंचने की बाद आपके आगामी लेनदेन अस्वीकृत जाते है। यदि हमें इसकी अनुमति मिल भी जाती है (ओवरलिमिट की सुविधा कुछ कार्ड में प्रीएप्रूव्ड होती है तो कुछ कार्ड में कार्ड धारक की अनुमति के बाद स्वीकृति दी जाती है) तो इसके लिये ओवरलिमिट फी के रूप में पेनाल्टी की अदायगी करनी पड़ती है।
बडी़ लिमिट से ज्यादा लाभ कमाने का अवसर :
बिगिनर्स कार्ड के मुकाबले बडी़ लिमिट वाले प्रीमियम अथवा अपग्रेडेड कार्ड में ज्यादा लाभ कमाने का अवसर मिलता है। उस कार्ड के कुछ फीचर्स छोटे लिमिट वाले कार्ड में उपलब्ध नहीं होते हैं} साथ में डिस्काउंट कैशबैक रिवार्ड आदि भी अपेक्षाकृत बड़े लिमिट वाले कार्ड में ज्यादा बेहतर होता है।
अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिये क्या करे?
- कार्ड का नियमित व अनुशासित उपयोग करें
- समय पर कार्ड के बिल का भुगतान करें। पेमेंट में डिफॉल्ट से बचे।
- कार्ड के कुल देय राशि का हमेशा भुगतान करे न कि मिनिमम देय राशि।
- क्रेडिट उपयोगिता अनुपात (क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो(CUR) को 30% के नीचे बनाये रखें ताकि आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर हो सके।
- ओवरलिमिट से बचे।
- धैर्य बनाये रखे। लिमिट बढ़ाने के लिये जल्दबाजी न करें। आपको कार्ड कम्पनी से बेह्तर ऑफर मिलेंगे
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निष्कर्ष :
Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye, | (7 Effective तरीके) क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढाये” लेख में हमने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के 7 Effective तरीके की जानकारी प्राप्त किये। साथ में बैंको द्वारा लिमिट तय करने की प्रकिया व क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने से मिलने वाले लाभ आदि के बारे में जाना। आशा करता हूँ कि Credit Card Ki Limit Kaise Badhaye से सम्बंधित अधिकांश उलझने दूर हो गयी होंगी।
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FAQs
Q मेरी क्रेडिट लिमिट इतनी कम क्यो है?
Q एक अच्छी क्रेडिट सीमा क्या है?
Q क्रेडिट कार्ड पर कितनी लिमिट मिलती है?
Q मिनिमम क्रेडिट लिमिट क्या है?
Q क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो(CUR) क्या है?
Q मेरी क्रेडिट लिमिट कितनी होनी चाहिये?
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