Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga, | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा?

Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga, | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा? अगर आप इसे जानना चाहते हैं तो आपको समझना चाहिये कि जब कभी आप क्रेडिट कार्ड प्राप्त करते हैं तो क्रेडिट कार्ड कम्पनियाँ नियम एवम शर्तों के तहत शेष राशि चुकाने के लिये आपको जिम्मेदार ठहराती है। इन शर्तों के तहत आपको हर महिने बिल की देय राशि का भुगतान पेमेंट ड्यू डेट या उससे पूर्व करना होता है।

अगर आप यह सोच रहें कि Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga तो आपको  जानना चाहिये कि Agar Credit Card Ka Bill Na Bhare to  इसके लिये   भयंकर  आर्थिक खामियाजा व कानूनी परेशानी का सामना आपको करना पड़ सकता है।

Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा? के इस लेख में मैंने उन कार्ड धारकों के लिये जिनके मन में तनिक भी यह प्रश्न घर कर रहा हो कि Credit Card Ki Payment Na Karne Par Kya Hoga  अथवा Credit Card Ka Bill Na Bharne Par Kya Hoga  तो वैसे कार्ड धारकों को यह लेख मार्गदर्शन करने में मददगार होगा।  क्रेडिट कार्ड का बिल पे नही किया तो  उससे होने वाले दुष्परिणामों को विस्तार से समझाने का प्रयास किया  है साथ ही बिल के भुगतान में डिफॉल्ट से कैसे बचे? उसके लिये भी आवश्यक उपायों के बारे जानकारी शेयर किया हूँ ।

Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा?
Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा?

Agar Credit Card Ka Bill Na Bhare to Kya Hoga इसको विस्तार से जानने से पूर्व आपके लिये यह जानना जरूरी है क्रेडिट कार्ड का बिल कितने दिन में आता है? और क्रेडिट कार्ड का बिल कब तक भरना होता है?  तो आइये जानते हैं कि

Table of Contents

Credit Card Ka Bill Kitne Din Me Aata Hai? (क्रेडिट कार्ड बिल कितने दिन पर जारी होता है?)

क्रेडिट कार्ड से जब भी हम खरीददारी करते है बिल तो रियल टाइम जेनेरेट हो जाता है परंतु यह हमें तात्कालिक नहीं भेजी जाती है बल्कि कार्ड के बिलिंग सायकल के आखिरी तारीख को मासिक लेनदेन विवरणी के रूप में कार्ड जारीकर्ता द्वारा संकलित किया जाता है और बिल भुगतान के लिये मासिक विवरणी के रूप में  कार्डधारक को भेज दिया जाता है। यह बिलिंग सायकल एक महिने का होता है। अतः क्रेडिट कार्ड का बिल हर  एक महिने में आता है।

Credit Card Ka Bill Kab Tak Bharna Hota Hai? (क्रेडिट कार्ड का पेमेंट कब तक करना होता है? )

कार्ड जारीकर्ता बिलिंग सायकल के अंत में क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिये मासिक स्टेटमेंट ( Credit Card Ka Statement Kaise Nikale, (Online क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट कैसे निकाले) के रूप में बिल  जारी करता है। इस मासिक बिल में देय तारीख दर्शायी रहती है जो सामान्यतः बिल जारी होने की तिथि से 20 से 25 दिन आगे का होता है। यह देय तारीख (बिल ड्यू डेट) बिल जमा करने की आखिरी तारीख होती है जिस तारीख तक आपको बिना शुल्क क्रेडिट कार्ड का बिल भरना होता है। इस तारीख कि समाप्ति के बाद भुगतान करने के लिये आप पर लेट फी व अन्य चार्ज लगाया जाता है।

क्रेडिट कार्ड बिल की प्राप्ति व बिल भुगतान समयसीमा को जानने के बाद जानते हैं कि

Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga | Credit Card Ka Payment Nahi Kiya to Kya Hoga ?

Credit Card Ka Payment Nahi Kiya to कार्ड धारकों को काफी बडी़ आर्थिक नुकसान व मानसिक परेशानी से गुज़रना पडता है। Agar Credit Card Ka Bill Na Bhare to कार्ड कंपनियाँ पेमेंट डिफॉल्ट के लिये जुर्माना व ओवरड्यु रक़म के उपर चक्रवृधि ब्याज लगाना जारी रखती है। इसके साथ ही कार्ड कम्पनियाँ बकाये के रकम के लिये रिकवरी प्रक्रिया चालू करती है जिसके तहत कानूनी प्रक्रिया भी आती है। लम्बे समय तक बकाया रहने पर कार्ड ब्लॉक कर डिफॉल्टर के श्रेणी में डाल देता है और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को सूचित करती है जिससे क्रेडिट स्कोर बुरी तरह प्रभावित होती है।

Credit Card Ka Bill Na Bharne Par   होनेवाले दुष्परिणामों

को एक एक कर विस्तार से जानते है।

देता है अनअपेक्षित आर्थिक नुकसान

Credit Card Ka Payment Nahi Kiya to प्रारंभिक नुकसान के रूप में आपको ज्यादा ब्याज व लेट फीस चुकाना पड़ता है। अगर आपने पेमेंट ड्यू डेट तक भी क्रेडिट कार्ड का बिल नही भरा तो कार्ड जारीकर्ता आपसे देय राशि पर विलंब शुल्क / ओवरड्यू फी की वसूली करता है। साथ में आपको डिफॉल्ट रकम पर उच्च ब्याज दर पर चक्रवृधि ब्याज का भुगतान भी करना पड़ता है जो कि अनअपेक्षित आर्थिक नुकसान के रूप में होता है जिसे समय के साथ भुगतान करके टाला जा सकता था।

साथ में रिकवरी के लिये अगर कार्ड जारीकर्ता कोर्ट में जाती है और आप केस हार जाते हैं तो कार्ड कम्पनी खर्चे को लीगल चार्ज के रूप में आप से वसूल करती है।

कार्डधारक को रिकवरी के लिये नोटिस भेजा जाता है :

क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड धारक से वसूली के लिये डाक व ईमेल के माध्यम से रिकवरी के लिये नोटिस भेजती है। इसके तहत भुगतान की जाने वाली रकम की मांग की जाती है।  इसके अतिरिक्त बकाया की राशि का भुगतान न होने पर फॉलोअप नोटिस के तहत बाद के निर्धारित तारीख तक भुगतान न किये जाने पर कानूनी कारवाई की सूचना भी दी जाती है।

फोन कॉल का सामना करना पडता है :

क्रेडिट कार्ड कम्पनी आपको फोन से भुगतान के लिये दवाब बनाती है। आपसे भुगतान के लिये डेट तय करवाते है। लम्बे पड़े भुगतान की स्थिति में यह कॉल दिन में दो तीन बार भी आ जाती है। साथ में भुगतान न किये जाने पर होने वाले दुष्परिणामों के प्रति भी आगाह कराते हैं।

क्रेडिट एजेंसी को डिफॉल्ट की रिपोर्ट भेजा जाता है

भुगतान में 30 दिन से ज्यादा की देरी होने पर पास्ट ड्यू के रूप में आपके डिफॉल्ट की रिपोर्ट सिबिल व अन्य एजेंसी  को भेजी जाती है। इससे आपका क्रेडिट हिस्ट्री खराब होता है।   सिबिल स्कोर बुरी तरह  प्रभावित होता है और स्कोर नीचे  गिर जाता है। इसका परिणाम होता है  कि भविष्य में आपको  लोन लेने में कठिनाई आती है। आपके लोन के रिजेक्ट होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अगर मिल भी जाती तो आपको ज्यादा ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है।

क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कर दिया जाता है

90 दिनों से अधिक समय तक  क्रेडिट कार्ड का बिल नही भरा तो  कार्ड जारीकर्ता आपके कार्ड को ब्लॉक कर देता है और कार्ड के लेनदेन पर रोक लग जाती है।

कार्डधारक को डिफॉल्टर घोषित किया जांता है :

क्रेडिट कार्ड कम्पनी के सोफ्ट रिकवरी के सारे प्रयास के बाद भी अगर Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga तो इसके बाद क्रेडिट कार्ड कम्पनी द्वारा पहले आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है और आपको ब्लैकलिस्ट में  डाल दिया जाता है। इसके आगे कार्ड जारीकर्ता कम्पनी द्वारा हार्ड रिकवरी का प्रयास शुरू कर दिया जाता है

रिकवरी के लिये रिकवरी एजेंसी को लगाया जाता है:

कार्ड जारीकर्ता रिकवरी अजेंट को आपके घर भेज सकते है। यह आपके सामाजिक प्रतिष्ठा को आंच पहुंचाती है। यद्यपि आरबीआई के क्रेडिट कार्ड वसूली नियम के अनुसार रिकवरी के लिये मानदंड निर्धारित किये गये हैं। तथापि कभी कभी रिकवरी अजेंट अनधिकृत रूप से आपको  परेशान कर सकता है।

सिक्योरिटी को सेट ऑफ कर रिकवरी की जाती है:

सिक्योर्ड कार्ड के अलावे  क्रेडिट कार्ड में प्रायः कोई सिक्योरिटी नही ली जाती है। सिक्योर्ड कार्ड के केस में अथवा यदि लागू हो तो क्रेडिट कार्ड कम्पनी ऐसे सिक्योरिटी को सेट ऑफ कर बकाये राशि के भुगतान में एडजस्ट कर लेती है।

क्रेडिट कार्ड खाते को बट्टे खाते में डाला जाता है

ज्यादा समय तक Credit Card Ka Bill Na Bharne Par आपके क्रेडिट कार्ड खाते को बट्टे खाते में डाल देती है और खाते को संग्रह के लिये एजेन्सी को बेच दी जाती है। बट्टे खाते में  डालने की रिपोर्ट सिबिल को भेज दी जाती जिससे आपका क्रेडिट स्कोर में और भी गिरावट आती है।

इसके बाद भी Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga ? 

कोर्ट का चक्कर लगाना  पड सकता है :

इतनी सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद यदि आपने Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कम्पनी आपके खिलाफ कानूनी कारवाई के लिये कोर्ट जा सकती है और आप पर सिविल मुकदमा दायर की जा सकती। यह बकाये की राशि, कानूनी खर्च आदि पर निर्भर करता है कि वह कोर्ट में जाये या न जाये।

अगर मुकदमा दायर करने के पूर्व खाते को संग्रह एजेंसी को बेच दिया है तो एजेंसी आपके खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिये अधिकृत हो जाती है। वह आपके खिलाफ मुकदमा कर सकती है। हालांकि कानूनी कारवाई के अंतर्गत सिविल केस  दर्ज की जाती है न कि क्रिमिनल केस। इसलिये Credit Card Ka Bill Pay Nahi Kiya तो आपको जेल तो नही भेजा जाता है लेकिन आपको कोर्ट का चक्कर तो लगाना पड़ जाता है।

बढ़ती है मानसिक परेशानी

उपर दिये गये सभी दुष्परिणाम अंततः आपकी  मानसिक परेशानी को बढाता है।

बिल के भुगतान में डिफॉल्ट से कैसे बचे?

यदि क्रेडिट कार्ड का यूज कर रहे है और क्रेडिट कार्ड के फायदे ( क्रेडिट कार्ड के फायदे?, जाने (15+) क्रेडिट कार्ड के फायदे हिंदी में) का रियल आनंद लेना चाह रहें है तो बेहतर वित्तीय प्लानिंग से क्रेडिट कार्ड का समय से भुगतान करना अनिवार्य हो जाता है। बिल के भुगतान में डिफॉल्ट से बचने के लिये आवश्यक उपायों के बारे में बता रहा हूँ ताकि Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga ? जैसे  प्रश्न आपके लिये अर्थहीन रहे।

क्रेडिट कार्ड के क्रेडिट युटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) को नीचे रखे :

क्रेडिट कार्ड से खर्चे को संयमित व नियंत्रित रखें। अपने खर्चों के लिये बजट बनाये।  ऑफर व डिस्काउंट के लालच में अपनी बजट के लक्ष्मण रेखा को न पार करें। क्रेडिट कार्ड के लिये अंगूठे का नियम कहता  है कि अपने क्रेडिट युटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) को 30% से नीचे रखें ताकि आपत स्थिति के लिये आपके पास विकल्प उप्लब्ध हों।

भविष्य के आय के आधार पर खर्च करने से बचे :

अधिकांश कार्डधारक की प्रवृति होती है कि वह भविष्य में प्राप्त होने वाले अतिरिक्त आय की गणना कर कार्ड से व्यय कर डालते हैं। कभी कभी भविष्य में आने वाली सम्भावित आय प्राप्त नही हो पाता है या टल जाता है। ऐसे में अगर अतिरिक्त  आयोजन न हो तो  फंड की कमी की वजह से बिल भर पाना मुश्किल हो जाता है और हम डिफॉल्ट कर जाते हैं। अतः हमेशा वास्त्विक प्राप्त आय के आधार पर खर्च करें ताकि देय तारीख को बिल का आसानी से भुगतान कर सकें।

भुगतान के अन्य श्रोतो को तलाशें :

क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिये भुगतान के अन्य श्रोतो  जैसे आप पर्सनल लोन,गोल्ड लोन,  बैंक में जमा एफडी, बीमा पॉलिसी अथवा  (पीपीएफ)  / पीएफ के ऊपर लोन, अथवा आंशिक निकासी  के लिये प्रयास कर सकते हैं ताकि बिल के भुगतान में डिफॉल्ट से बच सकें। यह आपके निवेश को प्रभावित करेगा परंतु क्रेडिट कार्ड  के डिफॉल्ट से होने वाले नुकसान के मुकाबले कम नुकसान देगा।

क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर के विकल्प के लिये करें प्रयास:

हर कार्ड जारीकर्ता दूसरे कार्ड कंपनियों के ग्राहक को खीचने का प्रयास करती है और बेहतर शर्तो के साथ कार्ड टू कार्ड बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा देती है जिसका भुगतान सरल मासिक हफ्तो में किये जाने का प्रावधान होता है। अतः आप इस विकल्प को चुनकर विस्तारित भुगतान समय अवधि का लाभ ले सकते हैं और डिफॉल्ट से बच सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से भुगतान के अन्य विकल्प के लिये बातचीत करें :

कार्ड जारीकर्ता के पास भुगतान के लिये अन्य विकल्प भी मौजूद होता हैं जैसे कि मासिक हफ्तों मे बकाये के भुगतान की सुविधा, बडी खरीद को ईएमआई में बदलने की सुविधा आदि। अतः आप अपने बकाये को विस्तारित समय अवधि में भुगतान के लिये कार्ड जारीकर्ता के पास उप्लब्ध विकल्प के लिये बातचीत कर सकते है।

क्रेडिट कार्ड का बिल नही भरा तो आपको क्या करना चाहिये?

क्रेडिट कार्ड कार्ड पेमेंट ड्यू डेट तक क्रेडिट कार्ड का बिल नही भरा तो हमें निम्नलिखित उपाय करना चाहिये ताकि होने वाले आर्थिक व मांसिक परेशानियों से बचा जा सके:

वैकल्पिक आयोजन :

कार्ड के भुगतान के लिये आप अन्य स्रोतो को तलाशे ताकि आप अपने देय रकम को जल्द से जल्द भुगतान कर सकें व अपने आपको बिल के भुगतान में डिफॉल्ट से बाहर निकाल सके। ऐसा करने से Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga |  (Credit Card Ka Payment Nahi Kiya to Kya Hoga?) में बताये गये दुष्परिणामों से बचाने में मदद करेगा।

क्रेडिट कार्ड कम्पनी से ब्याज व शुल्क के माफी के लिये करे रिक्वेस्ट :

अगर आपका पिछला रिकॉर्ड साफ सुथरा है तो सामन्यतया जारीकर्ता कम्पनी पहले महिने के लिये वसूले जाने वाले लेट फी व ब्याज को के माफी के  अनुरोध को स्वीकार कर लेते हैं।

करें 30 दिनों के पूर्व भुगतान :

एक लेनदार आपके खाते को 30 दिनों की देरी होने पर ही पास्ट ड्यू  के रूप में  रिपोर्ट करती है। अतः अपने क्रेडिट स्कोर को बिगडने से बचाने के लिये आप कोशिश करे कि आप कुल ओवरड्यू रकम को 30 दिन से पहले जमा करवा दें ताकि आपके खाते की अनियमितता का रिपोर्ट जाने से बच जाय और आपका क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़े।

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निष्कर्ष:

Credit Card Ka Bill Nahi Bhara to Kya Hoga | क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नही किया तो क्या होगा? के लेख में मैंने Credit Card Ka Bill Nahi Bhara अथवा  Credit Card Ka Payment Nahi Kiya  तो उन  परिस्थितियों में कार्ड जारीकर्ता द्वारा बकाये की  रिकवरी के लिये की जानेवाली कारवाई व  कार्डधारक पर उसके  होने वाले दुष्परिणामों को  विस्तार से बताने का प्रयास किया है ताकि कार्डधारक वित्तीय अनुशासन के तहत  उचित योजना तैयार कर समय से क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट करे व इन आर्थिक व मानसिक परेशानियों से अपने आप को बचाये।

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Dhanyavad

FAQs

Q क्रेडिट कार्ड के भुगतान में 2 दिन देरी होने पर क्या होता है?

आरबीआई के 21मई 2022 को क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान से सम्बद्ध जारी नियम के मुताबिक कोई भी कार्ड धारक अपने क्रेडिट कार्ड के ड्यू के बाद 3 दिन तक बिना पेनाल्टी क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान कर सकता है। अतः भुगतान में होने वाले 2 दिन की देरी के लिये आपको किसी पेनल्टी भुगतान की जरूरत नहीं है।

Q रिकवरी एजेंट कितने बजे तक रिकवरी के लिये सम्पर्क कर सकता है?

क्रेडिट कार्ड के वसूली गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी बैंक का रिकवरी एजेंट सुबह 7.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक ही रिकवरी के लिये घर पर सम्पर्क कर सकता है। नियम के उल्लंघन की शिकायत आरबीआई के पास की जा सकती है।

Q क्रेडिट कार्ड के भुगतान में 10 दिन देरी होने पर सिबिल स्कोर पर क्या प्रभाव पडता है?

कार्ड जारी कर्ता द्वारा भुगतान में 30 दिन से ज्यादा की देरी होने पर पास्ट ड्यू के रूप में डिफॉल्ट की रिपोर्ट सिबिल व अन्य एजेंसी को भेजी जाती है। अतः क्रेडिट कार्ड के भुगतान में 10 दिन देरी होने पर सिबिल स्कोर पर कोई प्रभाव नही पडता है बशर्ते कि आप बकाया राशि का भुगतान कर देते हैं।

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