बिजनेस फेल होने का कारण, टॉप 15 सत्य हिंदी में | Why Business Fail? Top 15 Facts In Hindi

कोई भी व्यक्ति एक बिजनेस पूरे जोश के साथ एक सपना लेकर शुरू करता है। उसका यह सपना साकार होता भी दिखता है। परंतु उनमें से कुछ के साथ  ऐसी अनहोनी होती जिससे उसके स्वप्न, दुःस्वप्न में बदल जाते है। परंतु यह अनहोनी नही बल्कि बिजनेस के क्रियांवयन में की गयी चूक होती है जिसके कारण बिजनेस में असफल हो जाते है। इस लेख में मै ऐसे ही 15 तथ्यों को बताने जा रहा हूँ जो की  बिजनेस फेल होने का कारण, बनता है ताकि आगे आने  वाले समय में बिजनेस शुरू करने की योजना बनाने वाले अथवा परेशानी से जूझ रहे व्यवसायी, इन 15 तथ्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और सफल व्यवसायी बन सकें।

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बिजनेस फेल होने का कारण, टॉप 15 सत्य हिंदी में – बैनर

 

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बिजनेस फेल होने का कारण, टॉप 15 सत्य हिंदी में

अनुपयुक्त बिजनेस लोकेशन:

किसी व्यवसाय का लोकेशन उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोकेशन ग्राहक अप्रोचेबल , उत्पादों अथवा सेवाओं के अनुसार तथा ग्राहक पसंद के अनुसार  व उपयुक्त होना चाहिये। साथ ही ग्राहक सुविधा जैसे पार्किंग आदि का भी ध्यान रखा जाना चाहिये। अन्यथा बड़े ग्राहक समूह से वंचित रहना पड जाता है और व्यवसाय पर असर पडता है। उपयुक्त लोकेशन खासकर छोटे व्यवसाय को सफल बनाने के लिये बहुत ही आवश्यक होता है।

मार्केट रीसर्च और कम्पीटीशन का अध्ययन  ना होना या गलत होना:

बहुत सारे लोग  व्यवसाय तो शुरू तो कर देते है परंतु बाजार व कपीटिशन का आवश्यक अनुसंधान नही करते हैं।  व्यवसाय की सफलता व निवेश पर लाभ कमाने के लिये बाजार पर पैनी नजर रखनी पडती है। इस प्रक्रिया के तहत ग्राहक समूह की पहचान,  उत्पादो की माँग,  सही उत्पादों का चयन, मार्केट ट्रेंड, बाजार में अन्य प्रतिस्पर्धी की पहचान, प्राइसिंग आदि का अध्ययन बहुत जरूरी होता है। परंतु अधिकांश व्यवसायी या तो ऐसा नहीं करते या फिर गलत प्रक्रिया से गलत आँकड़े इकट्ठा कर लेते है जिससे समुचित ग्राहक पहुंच नहीं हो पाती है और उत्पादों के गलत चयन से लाभ भी प्रभावित होता है। अंततः नुकसान के कारण बिजनेस मे असफल हो जाते हैं।

कौशल एवम अनुभव की कमी :

किसी व्यवसाय को  सफल बनाने के लिये उस व्यवसाय से जुडे आवश्यक तकनीकी ज्ञान व कौशल की आवश्यकता होती है। व्यवसाय में कौशल व अनुभव की कमी के कारण कच्चे माल, उत्पादों, सप्लायर, उचित प्राइसिंग, ग्राहक पहचान, ग्राहकों के साथ व्यवहार आदि के मामले में सही निर्णय लेने में विफल हो जाते है। साथ ही कुछ व्यवसाय से जुडे तकनीकी ज्ञान व प्रक्रिया के बारे में जानकारी का अभाव होता है।  जिसके कारण कभी कभी अतिउत्साह में गलत निर्णय ले लेते हैं जो बिजनेस फेल होने का कारण, के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

उत्पादों की माँग का त्रुटिपूर्ण आकलन ;

किसी व्यवसाय को सफल बनाने के लिये उत्पादों के मांग का सही आकलन काफी आवश्यक होता है। इसके लिये  ग्राहक की रूचि, खर्च करने की क्षमता , वर्तमान ट्रेंड, ग्राहकों की संख्या आदि जानकारी इकट्ठा करने की जरूरत होती है। साथ में सीजनलिटी, अवसर आदि का भी विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। तभी हम अपने ग्राहक की माँगों को पूरा कर पाने की स्थिति में होते है और  अवसर का लाभ उठाकर बिजनेस को आगे बढ़ा पाते हैं। परंतु सामान्य व्यावसायिक परिवेश बहुत से व्यवसायी ऐसी प्रक्रिया नहीं अपनाते है  जिससे व्यवसाय की सफलता शंकास्पद हो जाती है। उत्पादों की माँग का त्रुटिपूर्ण आकलन बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है

ग्राहकोन्मुख अप्रोच का ना होना:

आजकल ग्राहक की अपेक्षा ज्यादा हो गयी है क्योकि आज ओपेन मार्केट हो गया है। इंटरनेट / ऑनलाइन बाजार, माल कल्चर, होम डीलिवरी आदि के प्र्चलन ने ग्राहकों में  समवेदनशीलता को बढ़ा दिया है। ऐसे में बाज़ार में अपना पकड बनाये  रखने के लिये ग्राह्कोन्मुख अप्रोच रखना बहुत ही आवश्यक हो गया है।  ग्राहक सेवा के  साथ साथ ग्राहक संतोष भी डेलिवर करने की आवश्यकता हो गयी है। परंतु  अधिकांश व्यवसायी ऐसे अप्रोच बनाने के लिये समर्थ नहीं हो पाते है। फलतः बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

प्रभावी बिजनेस प्रबंधन का ना होना :

किसी व्यवसाय के संचालन में प्रभावी प्रबन्‍धन का होना  बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। एक कुशल प्रबंधक विषम परिस्थितियों में भी उचित निर्णय लेकर व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में समर्थ होता है। बिजनेस के फेल हो जाने पर भी अपने कुशल नेतृत्व एवम साहसिक निर्णय से उसे पुनर्जिवित कर पाता है।  वह एक एक कार्य कलाप पर नजर रखता है और कार्यो को समय से सम्पादित करवाता है ताकि ग्राहक सेवा बाधित न हो और बिजनेस में आगे बढ़ा जा सके।

परंतु कुशल प्रबंधन के अभाव में एक व्यवसाय अव्यवस्थित हो जाता है। भिन्न भिन्न  प्रक्रियायों में तालमेल का अभाव होता है। जिससे व्यवसाय परिचालन बाधित होता है और ग्राहक सेवा प्रभवित हो जाता है जो अंततः बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

खराब वित्तीय प्रबंधन :

कुशल व्यवसाय प्रबंधन के साथ व्यवसाय का मजबूत वित्तीय प्रबंधन भी उतना ही आवश्यक है। खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण व्यवसाय की  प्राथमिकता निर्धारित नही हो पाती है। साथ ही अनावश्यक खर्चे बढ़ जाते है जिससे कैश फ्लो प्रभावित होता और तरलता की भी समस्या खड़ी हो जाती है। अंततः ऋण बोझ बढ जाता है जिसका भुगतान कठिन हो जाता है। यह परिस्थिति बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

उत्पादों व सेवाओं के अपग्रेडेशन का ना होना:  

किसी बिजनेसकी सफलता केवल अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादोन/ सेवाओं की आपूर्ति तक ही सीमित नहीं रह जाती है बल्कि ग्राहक पकड़ में मजबूती और सततता बनाये रखने के लिये के लिये उत्पादों व सेवाओं में सदैव अपग्रेड करने की सख्त जरूरत होती है नहीं तो बाजार आपको बाहर फेंक देगा। इसके कई सारे उदाहरण आपको मिल जायेंगे जैसे की HMT घड़ी , Nokia Mobile, Ambassador Car आदि। इसी सिद्धांत के आधार पर हर कंपनियाँ अपने product व सेवाओं के R&D (Research & Development) पर करोड़ों रूपया खर्च करती है।

आप देखते होंगे की हर नये सीजन में Apple, Samsung व अन्य की नये सीरीज की फोन बाजार में लौंच कर दी जाती है। Prestige, Hawkins की नयी कूकिंग रेंज बाज़ार में आ जाती है।  ऐसा वे अपने मार्केट पकड को मजबूत करने व ग्राहक प्रतिधारण के लिये करते है। परंतु  सामान्य व्यव्साय की प्रवृति होती है कि वे अपने ग्राहक सेवा तक ही अपने को सीमित रख देते हैं जबकि ग्राहक को कही अधिक (ग्राहक उल्लास) चाहिये होती है।  ऐसे में ग्राहक लम्बे समय तक टीक नहीं पाता है। जो अंततः बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

टीम में आंतरिक सामंजस्य की कमी :

किसी भी व्यवसाय की नींव उसके उसके टीम और टीम नेतृत्व पर निर्भर करता है। व्यवसाय की सफलता उसके हर अंश दाता का सकारात्मक योगदान से सम्भव होता है। परंतु कभी कभी गलत सहयोगी  अथवा कर्मचारियो के व्यक्तिगत स्वार्थ हावी हो जाता है जिससे टीम के सदस्यों मे तालमेल का अभाव हो जाता है। यह किसी व्यवसाय में दीमक की तरह काम करता है जो धीरे धीरे बिजनेस फेल होने का कारण के रूप में सामने आता है।

उत्पादों व सेवाओं का एबीसी विश्लेषन (ABC Analysis) नही किया जाना :

किसी  व्यवसाय की सफलता के लिये उसके उत्पादो य सेवाओं  के  ABC Analysis (वरीयता विश्लेषण) अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसे बिजनेस का Pareto Principle या 80/20 Rule भी कहा जाता है। इस नियम के अनुसार किसी भी व्यवसाय के बिक्री का 80% शीर्ष के 20% उत्पादों से प्राप्त होता है।अतः हमें अपने उत्पादों व सेवाओं को सेग्रीगेट करके वरीयता के अनुसार फोकस करना चाहिये।

परंतु सामान्य व्यवसायिक परिवेश मे इंवेंटरी प्रबंधन के वरीयता विभाजन की परंपरा नहीं होती है बल्कि  समनुपातिक फोकस होता है। कभी कभी गैर उत्पादक वस्तुओं पर ज्यादा फोकस एवम एनर्जी  केंद्रित हो जाता है।इस कारण से समुचित फंड मैनेजमेंट नहीं हो पाता है और  कैश फ्लो बाधित होता है जिससे बिजनेस परिचालन बाधित होता है। जो अंततः बिजनेस फेल होने का कारण के रूप में परिलक्षित होती है।

लाभोन्मुख (Profit Oriented) बिजनेस अप्रोच :

बहुत से व्यवसायियों का मुख्य उद्देश्य प्रॉफिट कमाना होता है। बहुत जल्दी अधिक कमाने की सोच लेकर बिजनेस शुरू करना आत्मघाती फैसला हो सकता है। किसी बिजनेस को सुचारू रूप से स्थापित होने में 2-3 वर्ष का समय लग जाता है। साथ ही ग्राहक का भरोसा जीतने में वर्षों लगता है। ऐसे में बहुत जल्दी में बहुत ज्यादा कमाने की सोच ग्राहक को दूर भगा देगा न कि आपसे जुडा रहेगा। ग्राहक विश्वावास जीतने के लिये अपने प्रोफिट के कुछ हिस्से को भी प्रत्यक्ष य अप्रत्यक्ष तौर पर छोड़ना पड़ता है। लाभोन्मुख बिजनेस अप्रोच के साथ बिजनेस शुरू करने की सोच बिजनेस फेल होने का कारण बनता है।

बिलम्ब से ग्राहक प्रतिक्रिया :

किसी व्यवसाय में ग्राहक शिकायत व उनकी प्रतिक्रिया का शीघ्र निपटारा  एक सम्वेदनशील प्रक्रिया है। ग्राहकों के प्रतिक्रिया का विलम्ब से समाधान किसी व्यवसाय के लिये आत्मघाती होता है। साथ ही ग्राहक शिकायत का प्रभावी तरीके से समाधान नहीं होना ग्राहकों को व्यवसाय से अलग कर देता है । साथ ही अन्य सहग्राहक को भी ऐसा करने के लिये प्रेरित करता है। बहुत सारे व्यवसाय में ग्राहक प्रतिक्रिया और उनकी शिकायत का त्वरित समाधान प्रणाली का अभाव होता है। जिसके कारण दीर्घकालिक ग्राहक सम्पर्क नहीं रह पाता है। अंततः  बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

विघटनकारी तकनीकी अथवा प्रोसेस का आ जाना:

बहुत से व्यवसाय विघटनकारी तकनीकी अथवा प्रक्रिया के आगमण क़े कारण फेल हो जाता है। ऐसी प्रक्रिया अथवा तकनीकी उपभोक्ताओं के रूचि अथवा व्यवसाय का संचालन के तरीकों में बदलाव कर देता है।आज के कम्प्यूटर युग में ऐसी तकनीकी अथवा प्रक्रिया बहुत तेजी से बदलता रहता है और इसका प्रभाव भी बहुत तेजी से फैल जाता है।

अधिकांश व्यवसाय इसे स्वीकार करने व अमल करने के लिये तैयार नहीं हो पाता है। परिणामस्वरूप एक अच्छी तरह से स्थापित उत्पाद अथवा व्यवसाय समापण की प्रक्रिया में चली जाती है। अतः विघटनकारी तकनीकी अथवा प्रोसेस का आगमन भी बहुत सारे बिजनेस फेल होने का कारण है।

धैर्य की कमी :

हर बिजनेस एक चक्र में चलता है जिसमें मंदी और तेजी दोनों से गुजरना पड़ता है। सामान्य रूप से  FMCG , दवाई आदि का क्षेत्र मंदी प्रूफ माना जाता है। परंतु इन क्षेत्रों के व्यव्साय को भी मंदी के दौड से गुजरना पड़ता है। अतः व्यवसायियों, खासकर छोटे व्यवसायियों को इस सच्चाई को  स्वीकार करके चलना पड़ेगा । साथ में  यह भी सच्चाई है कि कोई भी व्यवसाय दो या तीन मंदी के दौड़ को अगर अच्छी तरह से निपट ले तो बाजार की सामन्य ताकत उसे पराजित नहीं कर सकता है।

आम तौर पर यह देखा जाता है कि उथल पुथल भरे व्यावसायिक माहौल में  नुकसान अथवा कम प्रॉफिट के कारण में बहुत सारे  व्यव्सायी अपना धैर्य खो देते हैं । साथ ही बाज़ार के प्रतिस्पर्धा से हार मान जाते हैं और बिजनेस के समापन को सोचने लगते हैं। अथ व्यवसायियों में धैर्य की कमी भी  बिजनेस फेल होने का कारण बनता है।

व्यवसाय के पूंजी  का व्यक्तिगत उपयोग: 

बिजनेस का अस्तित्व एक भिन्न होना चाहिये और निजी आवश्यकताओं से अलग देखा जाना चाहियें। अधिकंश छोटे व्यापारी बिजनेस निधि को व्यक्तिगत उपयोग के लिये बिना कोईं अकाउंटिंग प्रक्रिया के ले लेते है। जो बिजनेस के पूंजी को प्रभवित करती है । और कभी कभी यह नियंत्रण के बाहर हो जाता है खासकर छोटे व्यवसायियों के लिये जो बिजनेस फेल होने का कारण बन जाता है।

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निष्कर्ष :

इस लेख में हमने व्यवसाय की विफलता  से जुड़ी 15 वास्त्विक कारणों को विस्तार से जाना है। इनमें से कोई एक कारण भी किसी बिजनेस की विफलता के लिये पर्याप्त हो सकता है। अतः जरूरत है इन 15 तथ्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करें। सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेंगे। आपकी सफलता के लिये मेरी शुभकामना।

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FAQs

Q एक व्यवसाय को क्या सफल बनाता है?

परिचालन उत्कृष्टता, कुशल प्रबंधन एवम प्रभावी ग्राहक सम्बंद्ध एक व्यवसाय की को सफल बनाता है।

Q व्यवसाय में सफलता की कुंजी क्या है?

उत्कृष्ट ग्राहक सेवा, कुशल वित्तीय प्रबंधन, उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता, निरंतरता एवम धैर्य बिजनेस में सफलता की कुंजी है।

Q एक बिजनेस को लाभदायक कैसे बनाये?

एक बिजनेस को लभदायक बनाना सतत प्रक्रिया है। एक बिजनेस २ से ३ साल में सही से स्थापित हो पाता है जो की विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। एक बिजनेस को लाभदायक बनाने के लिये लेख में दिये गये 15 तथ्यों पर काम करें, साथ में बिजनेस के मार्केटिंग पर समुचित ध्यान दे,

Q एक छोटे व्यवसाय को क्या सफल बनाता है?

कुशल वित्तीय प्रबंधन, स्थानीय ग्राहकों की रूचि एवम आवश्यकताओं की पहचान, उत्पादों की गुणवत्ता, प्रभावी विपणन रणनीति, बेहतर ग्राहक सेवा एवम शिकायत का प्रभावी निष्पादन एक छोटे व्यवसाय को सफल बनाता है।

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