पैसिव बचत, बचत का बूस्टर। पैसिव बचत क्या है, पैसिव बचत के 11 BEST तरीके

पैसिव बचत, बचत का बूस्टर : बचत किसको प्यारा नहीं लगता है? बचत हर आदमी करना चाहता है परंतु बचत हम कर नहीं पाते क्योकि खर्च करने का मन है कि मानता नहीं। यदि आपको ऐसी उपाय बताऊँ जिसमें आपको अपने लिये अपनी जेब काटने की जरूरत ना हो और आपका बचत हो जाये तो कैसा लगेगा?  पैसिव बचत आपको बिना अपने खर्चो मे कटौती किये पैसा बचाने का तरीका है।

इस लेख मे पैसिव बचत, बचत का बूस्टर को कैसे आजमाये, के सम्बंध मे विस्तार से  समझाने का प्रयास रहेगा मेरा। पैसिव बचत क्या है, क्यो जरूरी है, पैसिव बचत करने के ११ BEST उपाय और होने वाले लाभ के सम्बंध मे इस लेख मे चर्चा की गयी है। पूरी जानकारी के लिये लेख को अंत तक पढ़ें।

पैसिव-बचत-Boosted-Saving-Banner
PASSIVE SAVING, BOOSTED SAVING BANNER

 

पैसिव बचत क्या है?

पैसिव इनकम, पैसिव इन्वेस्टमेंट शब्द आपने कईबार सुना होगा परन्तु  PASSIVE SAVING शब्द शायद आपके के लिये नया होगा।  पैसिव बचत शब्द एक प्राचीन वित्तीय संकल्पना है।

पैसिव बचत आपको अपने मासिक बजट खर्च में कटौती कर बचत करने के तरके से बिल्कुल अलग है। इसके लिये आपको अपनी मासिक तन्खवाह के हिस्से में सेंध मारने की जरूरत नहीं होती है और ना ही बजट कतौटी करने की आवश्यकता होती है।  पैसिव बचत वह बचत है जो सामान्य खर्चे के बिल/ बजट में क्रय शक्ति को कम किये बिना सुनियोजित तरीका अपनाकर आप बचत कर लेते हैं जो अन्यथा आपको मिलने वाला नहीं है।

पैसिव बचत का अभिप्राय मितव्ययी होना नहीं है। मितव्ययिता ( खर्चे में कतौटी) मे आपको अपनी इच्छाओं को सीमित करना पड़ता है जबकि पैसिव बचत के लिये आपको उपभोग से कोई समझौता करने की जरुरत नहीं होती है।

इस तथ्य कों समझाने के लिये मेरे साथ हाल मे हुई वाकया से आपको रूबरू कराता हुं। 1 किलो मधुर ब्रांड सुगर का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) वर्तमान में 60 रुपये है। मैं अपने बगल के एक दूकान मे चीनी लेने गया, और दाम पुछा तो दूकानदार ने 60 रुपये बताया। जबकि मुझे मालूम था की मेरे घर से आधे किलोमीटर की दूरी स्थित शोपिंग माल में यह ४८ रपये पर उपलब्ध है। और उस दूकान से 300 मीटर की दूरी पर स्थित दूसरी दूकान मे 55 रुपये मे मिलता है क्योंकी थोड़े ही दिन पहले मैंने दोनो जगह से खरीद्दारी की थी। मैंने चीनी की खरीद को वहाँ कैंसिल किया और शॉपिंग माल जाकर अपनी खरीदी किया।

इसमे मैंने मेरी खरीद की इच्छाओ को कम नहीं  किया और साथ में १२ रुपये ( ३ रुपये अगर पेट्रोल खर्च जोड़ दे तो नेट ९ रूपये) का बचत किया। बचत का यह तरीका मेरा पैसिव बचत है।

पैसिव बचत क्यों जरूरी है?

सामान्यतः बचत के लिये अपना बजट तैयार करते हैं और विवेकाधीन खर्चों के बजट में कटौती कर कुछ अंश बचाने का प्रयास करते हैं। परंतु कटौती भी एक सीमा तक ही कर पाते है। उपर से समय समय पर आवश्यक खर्चो के बजट मे असन्तुलन ( जैसे की फेस्टिवल, अवसर, चिकित्सकीय खर्च आदि हमारी बचत को प्रभावित करती है। पैसिव बचत इन प्रभावो को कम करने व बचत के पर्स / गुल्लक को मोटा / बडा करने मे मदद करता है। यह आपको निवेश के लिये सक्षम बनाता और जल्दी वित्तीय स्वतंत्रता ) FINAMCILA FREEDOM प्राप्त करने मे मददगार होता है।

पैसिव बचत के 11 BEST तरीके :

पैसिव बचत आपके खर्च करने मे विवेकपूर्ण तरीके से किये कार्यान्वयन का नतीजा है जो थोडे से प्रयास से सम्भव होता है। निम्नलिखित 11 BEST तरीकों से आसानी से आप अपने पैसिव बचत कर सकते है:

१. डिस्कौंट का सदुपयोग :

आये दिन बजार में डिस्कौंट / ऑफर्स की बरसात होती रहती है। हम अपने आवश्यक खरीद करने से पूर्व कुछ बड़े मूल्य वाले खरीद आइटम को ऑनलाइन / ऑफलाइन  स्टोर्स पर उपलब्ध प्राइस को कोम्पेयर कर खरीद करके अच्छी खासी रकम की बचत कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर ५०० रुपये के कोई आइटम यदि दूसरे अन्य स्टोर  पर यदि ४७० या ४८० रूपये मे उद्लब्ध हो तो खरीद पर हमारी २० से ३० रुपये की बचत हो जाती है। २ से ५ % का मूल्य अंतर सामान्य सी मिल जाती है। साथ ही कभी कभी किसी अवेन्यू पर स्पेशल discount प्राइस पर उप्लब्ध होता है।

दिखने में यह रकम छोटी लगती है परंतु अपने चुनिंदा वस्तुओं की खरीद को स्टोर के अनुसार लिस्ट बना ले और तुलना करे। आपको पता चलेगा की खरीद पर आपको एक अच्छी रकम की बचत हो गयी है।

२. बारगेन (मोलभाव) :

आपके अड़ोस पड़ोस मे बहुत सारे लोकल बाज़ार ऐसे होते हैं जहाँ भाव मे मोलजोल का प्रचलन होता है। जैसे की सब्जी, फल आदि का बाजार इसका सामान्य उदाहरण है। अतः दैनानुदिन खरीदी जैसे की सब्जी, फल आदि के खरीद मे अलग अलग दूकानो/ जगहों पर रेट की पूछताछ करें। साथ ही अपने खरीद के लिये प्राइस बारगेन करने में हिचकिचाये नहीं। इस तरह की खरीदी से आपको यदि दिन में १५ से २० रुपये की बचत भी कराता है तो आप  महिने मे ३०० से ६०० रुपये बचा लेते हैं। और वार्षिक 3500 से 7000 की रकम हो जाती है।

३. आंशिक खरीद को बडा करें :

गैर विवेकाधीन (non discretionary) खर्चे के बजट को आप त्रैमासिक या वार्षिक फ्लेक्सिबल भी बना सकते हैं और तिमाही / वार्षिक स्टॉक की खरीदी कर सकते हैं। क्योकि कुछ सीज़न मे कुछ सामान नीचे के प्राइस पर उप्लब्ध रहता है। इसी तरह कुछ वस्तुयें छोटी पैक की तुलना में बडी पैक मे काफी किफायती मूल्य पर उपलब्ध रह्ता है। अतः आप बडी मात्रा में तिमाही/छमाही/वार्षिक आवश्यकताओं के हिसाब से खरीद लें। यह पैसिव बचत के लिये काफी अच्छा आइडिया हो सकता है।

परंतु इस तरीके के लिये आपको मासिक बजट के साथ साथ त्रैमासिक/वार्षिक बजट पर ध्यान देना होगा एवम तदनुसार आपके भविष्य के खर्चे में संतुलन लाना होग। अनुपातिक बचत को हर महिने बचत के रूप मे लेना होगा। तभी यह शैली बचत उद्देश्य के लिये लाभकारी सिद्ध होगा।

४. वार्षिक सदस्यता :

बहुत जगह वार्षिक सदस्यता योजना रहती है जिसमें एक नियत फी भरनी होती है और इसके एवज में आपको फ्री डिलिवरी / स्पेशल डिस्काऊँट आदि ऑफर प्राप्त होता है। अतः आपके लिये उपयुक्त  कुछ चुनिंदा वार्षिक सदस्यता योजना आपके लिये पैसिव बचत का श्रोत हो सकता है। परंतु सदस्यता लेने से पुर्व फी और सेवा उपयोग से मिलनेवले फायदे का विश्लेषण करें और मार्जिन ओफ सेफ्टी के साथ फायदे वाले सदस्यता लेने को सोच सकते हैं।

५. पेनल्टी से बचें :

आये दिन हम अपने दैनिक जीवन की व्यस्तता के कारण कईबार अपनी utility bill, क्रेडिट कार्ड के पेमेन्ट, फी आदि भरने में देरी कर देतें हैं। फलतः अच्छी खासी रकम हमें पेनल्टी के रूप में भरना पड जाता है। आज के ऑनलाइन के जमाने में इसका  भुगतान करना काफी आसान एवम समय किफायती है। अतः आप इस देरी से बचें और पेनल्टी से बचें। इसके लिये आप अपने मोबाइल में reminder नोट लगा सकते हैं।

६. समय पर क्रियान्वयन :

दैनिक जीवन मे हम यात्रा, भ्रमण आदि का योजना बनाते हैं। इसका यदि हम जल्दी योजना बना लेतें हैं तो इससे हमें flight / रेलवे/ होटल आदि की बूकिंग पर एक अच्छा ओफर मिल जाता है एवम हमारी बचत जाती है। वही लास्ट  मोमेंट पर प्लान तैयार करने पर हमे ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। अतः समय पर क्रियान्वयन हमारी पैसिव बचत कराती है।

७. क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वॉइंट :

यद्यपि बचत के लिये क्रेडिट कार्ड एक बाधक का भी काम करता है । परन्तु क्रेडिट कार्ड का विवेकपूर्ण एवम अनुशासित उपयोग से आप पैसिव बचत कर सकते है। अपनी खरीद को कार्ड के माध्यम से करने पर जारीकर्ता कंपनी रिवार्ड प्वॉइंट आपको देती है। इस रिवार्ड प्वॉइंट को आप कैश मे अंतरित करवा लें। यह भी आपके पैसिव बचत का माध्यम हो सकता है।

८. इनकम टैक्स सेविंग :

नियत सीमा के उपर आय पर कर कतौटी सामान्य खर्च है। परंतु बेहतर वित्तीय योजना बनाकर इस खर्चे मे कटौती कर आप बचत में बदल सकते हैं। सामान्यतया इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत मिली छूट का उपयोग अधिकांश लोग करते हैं। परन्तु 80 CCD (1B) के तहत NPS के TIER I account में निवेश पर मिला ५० हजार तक अतिरिक्त छूट , जानकारी अथवा इच्छाशक्ति के अभाव में अभी भी बहुत सारे लोग नहीं ले रहें हैं। आयकर छूट की सभी एवन्यू की जानकारी लें एवम अपनी कटौती को न्यून करें। यह पैसिव बचत का एक तरीका प्रदान करता है।

९. बचत को उच्च ब्याज वाले उत्पाद में ट्रांसफर करें :

हम अपनी बचत को या तो कैश के रूप में रखते है या सेविंग बैंक मे जमा करा देते हैं और ब्याज की एक छोटी रकम हमें प्राप्त होती है। परंतु इस बचत को यदि हम उच्च ब्याज वाले उपलब्ध सेविंग account में ट्रांसफर कर देते हैं तो हमें अधिक ब्याज आय प्राप्त होती है और हमारी बचत थोडी ज्यादा हो जाती है। अतः यह प्रक्रिया आपको पैसिव बचत के रूप में प्राप्त होता है।

आजकल बैंकों में बचत खाते में auto स्वीप की सुविधा उप्लब्ध होती है जहाँ एक निश्चित रकम के उपर  बचत खाते  की राशि स्वतः फिक्स्ड डिपॉजिट में स्थांतरित हो जाती है और बचत पर उच्च ब्याज दर मिलता है। जरूरत पडने पर निकास के समय आवश्यक रकम औटोमेटिक रूप से आपके खाते मे ट्रांसफर हो जाता है। अतः अपने बचत खाते में औटो स्वीप कि सुविधा लें। इससे अतिरिक्त  ब्याज कमाई के रूप में पैसिव बचत हो जाती है।

१०. बिजली/पेट्रोल खर्च मे बचत :

अपनी आदतों को सही तरीके देकर हम अपनी अच्छी खासी रकम की बचत बिजली बिल/ पेट्रोल बिल  मे कमी करके कर सकते है। जरूरत न पडने पर पंखे/ गीजर आदि बंद रखें। आजकल बाजार में कम बिजली खपत वाले (BLDC motor वाले) पंखे/ रेफ्रीजरेट तथा LED Bulbs आदि आ गये हैं। अतः इसका उपयोग करने से बिजली बिल में कमी आयेगी। इसी प्रकार हम शेयरिंग अथवा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर  पेट्रोल बिल मे कमी कर सकते हैं। इस प्रकार के आदतों में बदलाव लाकर पैसिव बचत कर सकते हैं।

११. इंटरेस्ट खर्चों मे कमी :

हम आवश्यकताओं के हिसाब से कभी कभी लोन लेते हैं। जैसे की होम लोन, बिजनेस लोन आदि जिसपर हमें ब्याज चुकाना पडता है। समय के साथ ब्याज में बद्लाव होते रहते हैं। परंतु कभी कभी हमारे लोअन पर लग रहा ब्याज, वर्तमान में लागू व्याज से ज्यादा लग रहा होता है। समय समय पर अपने लोअन पर लगने वाले व्याज दर का विश्लेषण करें एवम वर्तमान मे लागू व्याज दर की जानकारी रखें। वैसी परिथितियो में जहाँ  इस तरह के लोअन अन्य संस्था में काफी नीचे के रेट पर उप्लब्ध है, लोअन के टेक ओवर ऑप्शन को तलाशें एवम उचित निर्णय लें।

इसके अतिरिक्त बहुत सारी संस्थाओ में एक नियत फी भरवाकर पुराने रेट को नये रेट में तब्दील करने का प्रावधान रहता है। इस प्रावधान का उपयोग कर ब्याज खर्च में कमी कर सकते हैं।

परन्तु उपर के सभी उपायों को अपनाने से पहले कंवर्सन फी, टेकओवर फी, प्री क्लोजर चार्ज, प्रोसेसिंग फी, दस्तावेज खर्च आदि का विस्तृत जानकारी लें एवम विश्लेषन करें। एक अच्छा सा फर्क दिखे तो उपर बताये उपायों को अपनाकर व्याज खर्चे मे कमी के रूप में पैसिव बचत कर सकते हैं।

 

पैसिव बचत से लाभ :

बचत के लिये हमें अपने खर्चो मे कमी करनी पडती है जो की कष्टकर होता है। साथ में खर्च में कटौती की भी एक सीमा हो सकती है। एक नियत सीमा से ज्यादा खर्चो में कटौती नहीं कर सकते हैं। और हमे यथा बचत  से संतोष करना पड्ता है। जबकी पैसिव बचत अप्रत्यक्ष तरीके से आपके बचत को मोटा करता है अर्थात आपका बचत का गुल्लक जल्दी भरने मे मदद करता है। दूसरे शब्दों मे यह आपके बचत में बूस्टर का काम करता है।

 

निष्कर्ष :

उपर हमें स्पष्ट हो गया है कि हम अपने दैनिक जीवन में थोडे से विवेकपूर्ण उपयोग से एक अच्छी खासी रकम का बचत कर सकते है। कोइ एक उपाय में हो सकता है आपको बचत का तरीका हास्यस्पद लगे। परंतु बूंद बूद से घड़ा भरता है। इन उपायो के सम्मिल्लित योगदान से उत्पन्न बचत आपके सामान्य बचत में बूस्टर का काम करेगा।

Thanks Card
Thanks

 

 

 

 

 

 

FAQs 

Q क्या कम आय मे पैसिव बचत किया जा सकता है?

पैसिव बचत वह बचत है जो सामान्य खर्चे के बिल/ बजट में क्रय शक्ति को कम किये बिना सुनियोजित तरीका अपनाकर आप बचत कर लेते हैं जो अन्यथा आपको मिलने वाला नहीं है। अतः पैसिव बचत मे आपको अलग फंड की आवश्यकता नही होती है बल्कि कुछ उपायों का विवेकपूर्वक क्रियान्वयन से प्राप्त हो जाता है। अतः कम आय मे भी पैसिव बचत किया जा सकता है।

Q क्या नौकरी पेशा वले ब्यक्ति पैसिव बचत कर सकता है?

पैसिव बचत के लिये उम्र. पेशा, लिंग आदि कोइ मायने नहीं रखता है। इसे हर व्यक्ति अपना सकता है।

 

 

 

Leave a comment