ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?, | Methods of Traditional Marketing In Hindi

ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें? : यह सच है कि आज के  डिजिटल परिववेश में प्रचार के तरीकों में काफी बदलाव आया है।  अधिकतर विशेषज्ञ डिजिटल मार्केटिंग की वकालत करते हैं। यह सही भी है क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग की बहुत सारी खूबियाँ भी है। परंतु भारत जैसे देश में, छोटे  शहरों या गाँवों में अधिकांश लोगों के पास आज भी आधुनिक डिजिटल  साधन का  उपयोग बहुत ही कम है। ऐसे में डिजिटल प्रचार के तरीकों का मोनोपोली आज भी स्थपित नहीं हो सका है। छोटे  शहरों या गाँवों अथवा कुछ विशेष उत्पादो या सेवाओं के लिये आज  भी  ट्रेडिशनल मार्केटिंग माध्यम   के उपयोग को वरीयता दी जाती है। तो आइये इस लेख में हम ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?,

Methods of Traditional Marketing In Hindi के विषय में जानते है। साथ ही पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) की रणनीति क्या है? के बारे मे जानेगे।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?
ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?

Table of Contents

ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?,

पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) के प्रमुख तरीके क्या  है?

पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) के मुख्य तरीके या माध्यम  निम्नलिखित है

लोकल अखबार, मैगज़िन में विज्ञापन द्वारा:

प्रचार का काफी पुराना माध्यम है जिसमें अपने उत्पादों अथवा सेवाओं की बुलेट जानकारी के साथ प्रचार तैयार कर  हम लोकल अखबार या मैगजीन में प्रकाशित करवाते हैं। प्रकाशक भी अलग अलग कैटेगरी या पन्नो पर वरीयता के हिसाब से इसे प्रकाशित करता है। अखबार अधिकांश घरों में जाता है। अतः प्रचार का यह तरीका बडे समूह को टार्गेट करता है। आजकल लगभग सभी अखबार अपने प्रकाशन को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी प्रकाशित करते हैं।

प्रेस रीलीज द्वारा :  

प्रचार के इस तरीकों के लिये अपने व्यवसाय में कुछ खास क्रियाकलाप  करना पडता है अथवा उत्पादों या सेवाओं की खूबियो आदि को प्रदर्शित करने के लिये कुछ विशेष आयोजन करना पडता है ताकि अखबार के प्रतिनिधि आपके क्रियाकलाप को कवर कर अपने अखबार या मैगेजिन में प्रकाशित करे। इसके लिये प्रकाशनो के स्थानीय प्रतिनिधि के साथ प्रभावी सम्पर्क स्थापित करना पडता  है।

रेडिओ टेलीविजन अथवा लोकल चैनलो पर प्रसारन द्वारा :

यह काफी महंगा प्रचार तरीका होता है परंतु इसका प्रभाव काफी जल्दी  और बड़े समूह पर होता है। अपने विज्ञापन को पेशवर तरीके से तैयार कर रेडिओ टेलीविजन अथवा लोकल चैनलो पर प्रसारन करवाया जाता है।

होर्डिंग , बैनर लगवाकर:

प्रचार का यह तरीका भी काफी प्रचलित तरीका है । बडी़ से बडी़ कंपनियाँ भी इस तरह के प्रचार पर काफी खर्च करती है। क्योंकि यह सडक पर आते जाते ग्राहकों को बगैर किसी मौखिक सम्वाद के आकर्षित करने  का प्रभावी तरीका है।सडक किनारे आप देखते होंगे की बड़े बड़े खम्भों अथवा दीवार पर आकर्षक रूप में  प्रचार को प्रदर्शित किया जाता है। यह लोगों के मानस पटल पर बार बार हीट करता है जिससे उस उत्पाद के प्रति नजदीकी बढ जाती है, उसे याद रखने लगते है।

बिजनेस कार्ड, पैम्प्लेट, ब्रोशर बंटवाकर :

अपनी ब्रांड की पहचान स्थापित करने के लिये यह एक सरल और प्रभावी  माध्यम है जिसमें ग्राहको तक जरूरी जानकारी पहुंचा दी जाती है। यह अपेक्षाकृत कम खर्चीला होता है। एक पेशावर तरीके से तैयार किया हुआ  पैम्प्लेट, ब्रोशर में उत्पाद सेवाओं से जुड़े सभी USP (Unique Selling Propositions) – खासियत को अच्छे तरीको से डालकर ग्राहकों को अखबार वेंडरो अथवा व्यक्तिगत सम्पर्क द्वारा भेजवा दिया जाता है।

शहर के किसी प्रोग्राम को स्पोंसर कर:

प्रचार के तरीकों के रूप में अपने शहर में आयोजित किसी सार्वजनिक आयोजन का स्पोंसरशिप किया जाता है  और अपने प्रचार सामग्री को डिसप्ले क़िया जाता है । इससे उस आयोजन में आने जाने वाले लोगों तक प्रचार हो जात है और ब्रांड विस्तार में मदद मिलती है। ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में यह तरीका काफी कारगर साबित होता है।

ऑफर, डिस्काउंट, सेल आदि को लॉन्च कर :

ऑफर, डिस्काउंट, सेल के माध्यम से प्रचार काफी आम है। इसमें दिये जा रहे आकर्षक ऑफर बहुत से ग्राहकों को लुभाती है और आपके स्टोर तक पहुंचते है। इससे प्रचार हो जाता है। नये ग्राहकों को जोड़ने में यह तरीका काफी मददगार होता है।

लक्की ड्रॉ की योजना निकालकर :

यह स्कीम भी काफी प्रयोग में लाया जाता है। मनुष्य का स्वभाव है कि वह जल्दी पैसा कमाना चाहता है, फायदे के एक भी मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है। अतः यह स्कीम लोगो को काफी आकर्षित करती है।

फीड्बैक सिस्टम लागू कर :

प्रचार के इस तरीके में ग्राहको को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिलता है। जिससे उन्हे बिजनेस के प्रति विश्वास में बढोतरी होती है और जुडाव बढ़ता है। हमे भी इससे अपने उत्पादों अथवा सेलिंग के तौर तरीकों को सुधारने का मौका  मिलता है।

इवेंट , सेमिनारका अथवा  एडुकेशनल शो का आयोजन कर :

अपने उत्पादों या सेवाओं को लोगों तक पहुचाने के लिये इवेंट , सेमिनारका अथवा  एडुकेशनल शो का आयोजन करते हैं। यह अपने उत्पादों की विशिष्टता बताने के लिये उचित प्लेटफॉर्म होता है जहाँ उपभोक्ताओं के बड़े समूह को वैयक्तिक रूप में आमंत्रित करते हैं और अपने उत्पादों के बारे में बताते है। इसमे ग्राहक अनुभव ज्यादा सकारात्मक होता है।

रेफेरल द्वारा: (Word of Mouth) :

प्रचार का यह तरीका अदृश्य परंतु काफी रॉकिंग होता है। एक बार यह काम कर जाएँ तो आपका ब्रांड व उत्पाद की वैल्यू काफी तीव्र और काफी कम खर्चे में बढ़ जाती है। इसके लिये आपको अपने वर्तमान उपभोक्ताओं पर निर्भर रहना पडता है जिसे उत्कृष्ट सेवा से तैयार किया जाता है।

उपर दिये गये तरीको से ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?, के बारे में जानकारी मिल गयी होगी।

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डिजिटल मार्केटिंग से अपने बिजनेस का प्रचार करें,

 

पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) की रणनीति क्या है?, (Strategies ofTraditional Marketing In Hindi)

ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?, मे दिये गये तरीको के लिये

प्रचार सामग्री तैयार करने में क्या ध्यान रखें?

लक्षित ग्राहकों कों समझें।  उसकी रूचि, सम्वाद का तरीका, खरीद का माध्यम, खरीद की शैली, क्रय शक्ति, आदि का अध्ययन करें।

अपने प्रचार के माध्यम का सही चयन करें ताकि ग्राहकों को आसानी से समझ आ सके।

प्रचार सामग्री को काफी आकर्षक बनवाये। शब्द प्रस्तुति से ज्यादा नजरों को  आकर्षित करें, वैसा प्रचार बनवाये। इस तरह का प्रचार ज्यादा दीर्घकालिक और परिणाम देने वाला होता है।

प्रचार में जारगोन ( शव्दजाल अर्थात  क्रियाकलाप में प्रयुक्त शब्द जो सामान्य लोगों में उपयोग नहीं किये जाते हैं।) या संक्षिप्त शब्द (Abbreviation) का उपयोग नहीं करें। शब्द व वाक्य स्पष्ट और अपीलिंग होने चाहिये।

प्रचार का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं बल्कि अपने उत्पादों , सेवाओं के बारे में जरूरत महसूस करवाना होना चाहिये। प्रचार का मुख्य उद्देश्य ही होता है कि प्रचार के माध्यम से जानकारी देकर आप ग्राहकों की जरुरतो को उत्पन्न करें ताकि आपके उत्पाद सेवाओ की बिक्री बढे।

अपने प्रतिस्पर्धी के तौर तरीके पर भी ध्यान दे और अपने तरीकों में थोड़ा से बेहतरी लाये। जैसे यदि आपका कोइ साथी दुकानदार यदि डिस्काउंट ऑफर चला रहा है तो आप उसके आसपास मिनिमम डिस्काउंट के साथ लकी कूपन जैसी स्कीम ला सकते हैं जिसमे कुछ विजेता को थोड़ा ज्यादा का ऑफर दे सकते हैं।

 

निष्कर्ष :

इस लेख में हमने ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?, और पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) के मुख्य तरीकों अथवा माध्यम   के बारे में जाना। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि छोटे  शहरों या गाँवों अथवा कुछ विशेष उत्पादो या सेवाओं के लिये आज  भी  पारम्म्परिक प्रचार (Traditional Marketing} अपनी प्रासंगिकता बनाये हुए है। पारंपरिक प्रचार (Traditional Marketing) की उपयुक्त रणनीति तैयार कर हम अपने उत्पादो, सेवाओं की बिक्री व ब्रांड वैल्यू बढा सकते हैं। आशा करता हूँ कि ट्रेडिशनल मार्केटिंग कैसे करें?,, Methods of Traditional Marketing In Hindi लेख अच्छा लगा होगा।

Thanks Card
Dhanyavad

 

FAQs

Q छोटे शहरों अथवा गाँवों के लिये कौन सा प्रचार तरीका अपनाये?

छोटे शहरों अथवा गाँवों के लिये आज भी पारम्म्परिक प्रचार (Traditional Marketing} उपयुक्त प्रचार तरीका है।

 

 

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