क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके

क्या आपके पास क्रेडिट कार्ड है और क्या आप क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके  को अमल कर रहें हैं? यदि हाँ तो क्रेडिट कार्ड आपके लिये फायदे कमाने का एक बेहतर अवसर प्रदान करता है।

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। क्रेडिट कार्ड भी इससे अछूता नहीं है। अगर हम क्रेडिट कार्ड का  सही तरीके से यूज कर रहें हैं तो यह हमारे लिये उतने ही फायदेमंद होता है। इसके विपरीत इसके गलत व लापरवाही से किया गया इस्तेमाल हमें उतने ही आर्थिक संकट में डाल देता है। इस लेख में हम क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग कैसे करें?  इसके लिये क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके को जानेंगे ताकि हम क्रेडिट कार्ड के साथ हम अपने लाइफस्टाइल को रोमांचक बना सकें।

क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके
क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके

तो आइये क्रेडिट कार्ड के साथ रोमांचक जर्नी स्टार्ट करने के लिये क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके क्या है जानते है: 

Table of Contents

क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग कैसे करें? ( How to  Use Credit Card wisely In Hindi)

क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके

जीवनशैली से मेल खाते हुये कार्ड का चयन करें

जीवनशैली और खर्च करने के  तरीके के आधार पर किये गये सही कार्ड का चयन कार्डधारकों के लिये मनी मल्टीप्लायर क काम करता है। एक सही कार्ड का चयन ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने का अवसर प्रदान करता है।  इसके लिये जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली से मेल खाते हुये कार्ड का चयन करें। जैसे यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग के शौकिन हैं तो आपके लिये कैशबैक कार्ड ज्यादा फायदेमंद होगा वहीं  अगर आप कार्ड का कभी कभी युज करने वालों में से हैं तो आपके लिये बिना फी वाले कार्ड ( फीचर्स और फायदे से भरपूर वन कार्ड क्रेडिट कार्ड क्या है)  ज्यादा लाभप्रद हो सकता है।

सही क्रेडिट कार्ड चूनने के  लिये ( क्रेडिट कार्ड कौन सा लेना चाहिए) को पढ़ें ताकि आप अपने लिये मार्केट में हजारों उपलब्ध कार्डों में से बेस्ट कार्ड का चयन कर सकें।

कार्ड के फीस और  शुल्कों तथा  नियम और शर्तों को अच्छी तरह पढ़ें :

हर कम्पनी की कार्ड जारी करने से सम्बंधित नियम और शर्तें होती है और साथ में फीस और  शुल्कों की रूपरेखा।

इन्हीं फीस और  शुल्कों तथा  नियम और शर्तों के अधीन आपका कार्ड नियंत्रित होता है। अतः इसे अच्छी तरह से पढ़ें और समझें।

कार्ड के बारे में आम धारणा होती है कि इसमें छुपे हुये चार्ज होते हैं। शायद यह सही भी हो सकता है। परंतु कार्ड पर लगने वाले छुपे चार्ज इन्हीं फीस और  शुल्कों की रूपरेखा तथा नियम और शर्तों के अधीन होती है। अतः किसी भी तरह के अनावश्यक चार्ज से बचने व क्रेडिट कार्ड से बेहतर फायदे  (15+) क्रेडिट कार्ड के फायदे)  लेने कि लिये कार्ड के फीस और  शुल्कों तथा  नियम और शर्तों को अच्छी तरह पढ़ना और समझना जरूरी होता है।

हस्ताक्षर किये जाने वाले  दस्तावेजों को अच्ची तरह पढ़ें  और समझे :

हस्ताक्षर किये जाने वाले  दस्तावेज आपके कार्ड कम्पनी का नियंत्रण टूल होता है। कभी कभी अस्पष्ट अतवा छुपे हुये  क्लाउज़ आपके लिये काफी महंगा साबित हो सकता है। अतः हस्ताक्षर किये जाने वाले  दस्तावेजों को अच्ची तरह पढ़ें  और समझे।

अपने कार्ड को जाने (Know Your Card) :

कार्ड को अच्छी तरह समझे। हर कार्ड में बहुत सारे फीचर्स होते हैं जिसका सही तरीके से नियंत्रित उपयोग करके अपने लाभ को कई गुणा तक बढा सकते हैं। कार्ड कंपनियाँ हर खरीदी पर प्रायः रिवार्ड प्वॉइंट या कैश बैक देती है। यह रिवार्ड प्वॉइंट या कैश बैक किस उपयोग पर कितना लागू होता है उसे अच्छी तरह  से समझना जरूरी है ताकि अपने निर्धारित व्यय के लिये आप नियोजित तरीके से बेहतर लाभ अर्जित कर सकें।

कभी कभी इन रेग्युलर  प्वॉइंट्स की मदद से किसी कम्पनी विशिष्ट के सेवा के लिये रिवार्ड प्वॉइंट को खरीदा जां सकता है जो की मूल्य परिवर्तन के हिसाब से कई गुना ज्यादा कॉस्ट एफेक्टिव होता है। यह प्रायः होटल, ट्रैवल अथवा रेस्ट्रा आदि के लिये ज्यादा ऑफर किये जाते है। परंतु केवल लाभ कमाने के उद्द्श्य से इन ऑफर को नही उपयोग में लेना चाहिये बल्कि यदि सही आवश्यकता हो तो ही ऐसे ऑफर को स्वीकार करें।

क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ बनाये:

क्रेडिट कार्ड का सही व विवेकपूर्ण तरीके से  इस्तेमाल किया जाएँ तो इसमे कई फायदे मिलते हैं। परंतु थोडी सी लापरवाही के कारण हम फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं और हमें भयंकर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अतः जरूरी है कि हम अपने क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ (क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है) बनाये। हम अपनी समझदारी व सावधानियों से  अपने क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ बना सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के लिमिट को अपना न समझें :

हमारी यह मोनोदशा होती है की हम लोन अथवा अग्रिम को अपना समझ बैठते है। जब हम खरीददारी के लिये तैयार होते हैं तो हमारी यह मानासिकता होती है कि कार्ड में 10000 या 100000 रूपये का बैलेंस पडा हुआ है और भविष्य के आय को इससे जोड़ कर खर्च कर लेते हैं। परंतु हमें यह जानना चाहिये यह लिमिट हमारी नहीं होती है और इसे एक अवधि के अंदर वापस करना है। वापसी में चूक होने  पर लगने वाले खामियाजा दुःस्वपन जैसा होता है। अतः भविष्य के किसी आर्थिक परेशानी  से बचने के लिये अपने कार्ड के लिमिट को परिभाषित करें। अनावश्यक लिमिट को ना बढाये।

क्रेडिट लिमिट के एक तिहाई का ही उपयोग करें

सामान्य लेनेदेन के लिये क्रेडिट कार्ड में दिये गये क्रेडिट लिमिट के एक तिहाई का ही उपयोग करे। यह आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारने कि लिये जरूरी होता है। साथ में आपात स्थिति के लिये आपके पास वितीय आयोजन रह जाता है। इसके लिये समय समय पर अपने लिमिट का रिव्यू करते रहें।

ऑफर्स और डिस्काउंट के लालच में न पड़े :

कार्ड कंपनियां. आपको ढेरों सारे ऑफर्स व डिस्काउंट देती है इसके पीछे कार्ड कंपनियों का निहित स्वार्थ होता है। वह आपको ऑफर्स और डिस्काउंट की आदत डलवाना चाहता है ताकि आप अपने बजट से ज्यादा खरीदने की दुःसाहस करे और पेमेंट में डिफॉल्ट करें  ताकि कार्ड कंपनियाँ आप से 36 से 50 प्रतिशत तक का वार्षिक ब्याज वसूल सके। इसके लिये जरूरी है कि अपने लिमिट कों परिभाषित करें और उतने ही खर्च करे जिसका आप भुगतान करने में सक्षम होन सके।

आपको जानना चाहिये विश्व का सबसे ज्यादा संगठित लोन ट्रैपिंग ( ऋण जाल) का कारक क्रेडिट कार्ड है और कार्ड कम्पनियाँ अपने लाभ के लिये इसी को इस्तेमाल करती है। अतः लोन ट्रैपिंग से अपने आप को बचाने के लिये ऑफर्स और डिस्काउंट के लालच में न पड़े| अपने लिमिट कों निर्धारित करें।  अपने आवेग को नियंत्रित रखे और एमोशनल खरीद से बचें।

कुल बकाया राशि (टोटल ड्यू अमाउंट) का समय से भुगतान करें:

भारी भरकम लगने वाले ब्याज से बचने के लिये हमेशा पूरा बिल का भुगतान करें। भुगतान तय समय से पूर्व करें अन्यथा चूक हो जाने पर पेनल्टी और अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।  साथ ही फ्री क्रेडिट पीरियड का भी बेनीफिट हाथ से जायेगा। डिफॉल्ट के केस में लगने वाले ब्याज खरीद की तारीख से बसूली जाती है न कि ड्यू डेट से।

न्युनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) को इग्नोर करे:

कार्ड के स्टेटमेंट में कार्ड  कंपनियाँ दो तरह से भुगतान की जाने वाली रकम को दिखाती है।  एक होता है  न्युनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) और दूसरा कुल बकाया राशि (टोटल ड्यू अमाउंट) । न्युनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) को हम यह समझ कर कि यह कम से कम भरी जाने वाली रकम है और इसे भरकर हमारा काम चल जायेगा। बांकी के रकम को इंस्टाल्मेन्ट में भर देंगे।

परंतु न्युनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) का वास्त्विक अर्थ यह सूचित करना की आप कार्ड को जारी रखना चाहते हैं। परन्तु इस स्थिति में कंपनियां भारी भरकम डिफॉल्ट पेनल्टी और 36 से 50  % तक का वार्षिक ब्याज वसूल करती है।

साथ भी यह भी जानना जरूरी है बडे खरीद के लिये इएमआइ ऑप्शन को चूज करने के लिये कार्ड कम्पनी से स्टेटमेंट जारी होने की तिथि से पूर्व अधिकृत करवाना  पडता है तभी डिफॉल्ट पेनल्टी  से बचा जा सकता है।

बिल भुगतान के लिये औटो डेबिट का उपयोग करे‌ :

वयस्तता के कारण कभी कभी हम बिल के समय  से भुगतान करने में चूक कर जाते हैं। इस चूक का खामियाजा बडे आर्थिक नुकसान के रूप में होता है। साथ ही यह हमारे क्रेडिट स्कोर को भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित करती है। अतः इनसे बचने के लिये अपने क्रेडिट कार्ड को बैंक में औटो बिल भुगतान के लिये रजिस्टर करें ताकि नियत समय पर बिल की राशि बिना चूक भुगतान  हो जाय।

सूचना : ध्यान रखें कि आपके डेबिट होने वाले  बैंक अकाउंट में आवश्यक लिमिट अथवा बैलेंस बना रहें।

क्रेडिट कार्ड से कैश निकासी से परहेज करें:

क्रेडिट कार्ड से कैश निकासी से परहेज करें। अपने खर्चों को इस तरह से आयोजित करें कि आपको क्रेडिट कार्ड से केश निकालने की जरूरत ही ना पड़े।  कैश निकासी के लिये सिर्फ एटीएम / डेबिट कार्ड का ही उपयोग करें। क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर कार्ड कंपनियाँ लिकाले गये रकम पर 2.5% से 3.5% तक ट्रांजैक्शन शुल्क और 36 से 50 प्रतिशत तक का वार्षिक ब्याज वसूलती है। निकाली गयी रकम पर फ्री इंटरेस्ट पीरियड का भी लाभ नहीं मिलता है। साथ में आपका क्रेडिट लिमिट भी कम हो जाता है।

बडी़ खरीद के लिये  ईएमाअई ऑप्शन को समय से अप्रूव करवाये:

अगर आप बडी़ खरीददारी का प्लान कर रहे हैं और आप इसे स्वयं एकमुश्त भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं तो  आप इसे स्टेटमेंट जारी होने की तिथि से पूर्व  ईएमआई ऑप्शन के लिये  अधिकृत करवाये। इससे आपको किफायती ब्याज का फायदा मिल सकेगा। अन्यथा भारी पेनल्टी व उच्च ब्याज भरना पड़ेगा।

प्रत्येक ट्रांजैक्शन व स्टेटमेंट का नियमित रूप जाँच करें

प्रत्येक ट्रांजैक्शन व स्टेटमेंट का नियमित रूप जाँच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सकें कि सारे लेनदेन सही है। साथ ही कार्ड कम्पनी द्वारा कोइ अतिरिक्त चार्ज तो नहीं लगाया गया है।

कार्ड के एप का इस्तेमाल करें :

आजकल प्रायः हर कार्ड कम्पनी एप के माध्यम से कार्डधारकों को कार्ड एक्सेस देती है।  कार्ड पर बेह्तर नियंत्रण रखने के लिये कार्ड के एप को इस्तेमाल करें ताकि अपने लेनदेन, कम्पनी द्वारा लगायी जाने वाली चार्ज आदि कोरियल टाइम ट्रैक कर सके और किसी भी तरह की गडबडी होने पर शीघ्र पता लगा सकें ताकि समय रह्ते लिमिट,  कार्ड आदि को तुरंत ब्लॉक करने के लिये आवश्यक करवाई कर सकें।

फ्रॉड की घटना या कार्ड खो जाने पर 3 दिन के अंदर ही क्रेडिट कार्ड कम्पनी को सूचित करें

फ्रॉड की घटना या कार्ड खो जाने पर तीन दिन के अंदर ही क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कम्पनी को सूचित करे। ऐसा करने पर और अधिक फ्रॉड होने पर रोक लगेगा और आप क्षतिपूर्ति कें लिये पात्र हो सकेंगे।

अब तक आपने क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके के बारे में जाना। क्रेडिट कार्ड से बेहतर फायदे  लेने व जोखिम को कम करने के लिये इन तरीको में से हर एक का महत्व है। अतः आप इन सभी तरीको को अमल में लाये।

निष्कर्ष :

इस लेख में हमने क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त किये। क्रेडिट कार्ड से जुड़े इन तरीकों के इस्तेमाल से न केवल आप फायदा कमा सकेंगे बल्कि कार्ड पर होने वाले जोखिमो को कम कर सकेंगे।

Thanks Card
Dhanyavad

FAQs (क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके)

Q अगर हम क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालते हैं तो ब्याज दर क्या है?

क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर कार्ड कंपनियाँ लिकाले गये रकम पर 2.5% से 3.5% तक ट्रांजैक्शन शुल्क और 36 से 50 प्रतिशत तक का वार्षिक ब्याज वसूलती है।

Q क्रेडिट कार्ड में कितने दिन तक फ्री क्रेडिट मिलता है?

क्रेडिट कार्ड में ब्याज-मुक्त अवधि (फ्री क्रेडिट पीरियड) कार्ड कम्पनी व अलग अलग वेरियेंट पर निर्भर करता है। सामन्यतया यह अवधि 45 से 55 दिन की होती है।

 

 

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