क्रेडिट कार्ड के नुकसान, Credit Card Ke Nuksan देती है आर्थिक पीड़ा

Credit Card Ke Nuksan : उपयोग के तरीके अगर सही ना हो तो  क्रेडिट कार्ड के नुकसान काफी गम्भीर व पीड़ादायक होता है। क्रेडिट कार्ड एक दुधारू गाय की तरह होता  है जिसे विवेक से अगर उपयोग करें तो उतने ही फायदे देता है वहीं इसके उलट अगर गैरअनुशासित तरीके से उपयोग किया जाय तो यह गाय की दुलत्ती की तरह होता है।

इस लेख में मैंने गैरविवेकपूर्ण तरीके से कार्ड के उपयोग से होने वाले क्रेडिट कार्ड के नुकसान को विस्तार से समझाया है। इन संभावी नुकसान को अच्छी तरह से समझें क्योंकि यह नुकसान आर्थिक रूप से काफी पीड़ा दायक होता है।

क्रेडिट कार्ड के नुकसान Credit Card Ke Nuksan
क्रेडिट कार्ड के नुकसान Credit Card Ke Nuksan

आजकल ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर मिल रहे लुभावने व भारी भरकम डिस्काउंट, व कैश बैक के चक्कर में आज हर कोई क्रेडिट कार्ड लेना चाहता है। हर कोई ऑफर, डिस्काउंट, व कैश बैक के खेल का लुत्फ उठाना चाहता है। उन्हे इस में फायदे  ही फायदे  दिखते हैं। परंतु हमें  यह भी पता होना चाहिये सिक्के के दूसरे पहलू भी होते  हैं।

अगर केवल फायदे के लिये हम क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो यह शायद हमारी भूल होगी क्योंकि  क्रेडिट कार्ड के फायदे हैं तो क्रेडिट कार्ड के नुकसान भी उतने ही हैं।  यह निर्भर करता है कि आप क्रेडिट कार्ड को युज (क्रेडिट कार्ड यूज करने के 15+ बेस्ट तरीके) कैसे कर रहे हैं।  लापरवाही से किये गये उपयोग से किस किस  तरह से  क्रेडिट कार्ड के नुकसान हो सकते हैं उसे इस तरह से जानते हैं : 

Table of Contents

क्रेडिट कार्ड के नुकसान (Disadvantages of Credit Card in Hindi)

क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या है? ( Disadvantages of Credit Card)

क्रेडिट कार्ड के उपयोग के लिये चुकाने पडते हैं ढेर सारे शुल्क

क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड जारी करने के लिये ढेर सारे शुल्क जैसे जॉइनिंग फी, एन्युअल फी या रिन्युअल फी, कैश एडवांस ट्रांसफर फी, इंटर्नेशनल ट्रांजैक्शन चार्ज, एटीएम विथड्रावल फी, रिवार्ड रिडेम्पशन फी,कार्ड इस्युएंस फी, एड  ओन कार्ड फी आदि जैसे  उलझे शुल्क जाल में हमें फंसाती है। अलग अलग सेवाओं के लिये हमें देने पडते ढेर सारे शुल्क्।

क्रेडिट कार्ड में होते हैं  कई सारे छुपे हुये चार्जेस (हिडेन कॉस्ट)

क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड जरी करते समय जटिल नियम व शर्तों के अधीन हमें बहुत सारे  छुपे हुये चार्जेस (हिडेन कॉस्ट) जैसे  सरचार्ज, टैक्स ओवरड्यु पेनल्टी, लेट पेमेंट फी, ओवरलिमिट पेनल्टी, प्रोसेसिंग फी, रिवार्ड रिडेम्पशन फी, कार्ड इस्युएंस फी आदि  के लिये बांध देती है  और समय समय पर इन चार्जेस की वसूली करती है।

लिमिट से ज्यादा उपयोग पर भरने पड़ते हैं ब्याज व जुर्माना

कार्ड कम्पनी द्वारा तय की गयी लिमिट से ज्यादा की खरीदी पर भारी भरकम  ओवरलिमिट फी व ब्याज चुकाना पडता है। अतः अनजाने में भी  हुई ओवर्लिमिट की चूक काफी नुकसांदायक होता है।

क्रेडिट कार्ड से कैश निकासी  होता है काफी महंगा

एटीएम से कैश निकासी पर निकासी की गयी रकम पर निकासी के तारीख से ब्याज वसूला जाता है। अतः एक तो इंटरेस्ट फ्री क्रेडिट का लाभ भी नहीं मिलता है और उपर से ब्याज का भुगतान भी करना पडता है। इसके अतिरिक्त निकाली गयी रकम पर 2.5 से 3.5 प्रतिशत तक एटीएम निकासी शुल्क जो कि काफी महंगा सौदा होता है। इस्के अलावे नकद निकासी को सीमित किया हुआ रहता है।

भुगतान में चूक होता है काफी महंगा :

क्रेडिट कार्ड के उपयोग में भुगतान के प्रति अनुशासन बहुत ही आवश्यक है। क्रेडिट कार्ड द्वारा किये खर्चों का हमारे पास मासिक स्टेटमेंट प्राप्त होता है और इसमें उल्लिखित कुल देय राशि (टोटल अमाउंट ड्यू) को ड्यू डेट या उससे पहले चुकाना रहता है। तय समय से भुगतान में चूक होने पर  ( 3 से 4 % मासिक तक अर्थात 36 से 48 % तक  वार्षिक)  ब्याज व जुर्माने (लेट फी) को आकर्षित करता है जो कि काफी महंगा रहता है।

कैशबैक एवम रिवार्ड के लालच में  बढ़ती है आर्थिक परेशानी :

कैशबैक एवम रिवार्ड के लालच में हम अपनी बजट सीमा को भूल जाते हैं और  अपनी  भुगतान क्षमता को बढ़ा लेते हैं जो कि वास्त्विक नहीं होता है। इस कारण हम अनाप शनाप खर्च कर बैठते है। इससे कभी कभी वित्तीय परेशानी  की स्थिति उत्पन्न हो  जाती है।

लोन ट्रैपिंग (ऋण जाल) के शिकार होने का खतरा  :

क्रेडिट कार्ड को विश्व का सबसे ज्यादा संगठित लोन ट्रैपिंग (ऋण जाल) का कारक माना जाता है। क्रेडिट कार्ड में अग्रिम के माध्यम से तरलता काफी सरल व आसान होती है। साथ ही जारीकर्त्ता कम्पनी काफी लुभावने ऑफर देते रहते हैं। अतः अति प्रयोग से अपने आपको को रोक पाना काफी कठिन होता है। परिणाम्स्वरूप अधिक खर्च करने की प्रवृति  विकसित हो जाती है और हम लोन ट्रैपिंग के शिकार हो जाते हैं। इसके लिये क्रेडिट कार्द के उपयोग में अति अनुशाशन बहुत ही जरूरी होता है।

क्रेडिट कार्ड में लागू होता है एक समान चार्ज:

प्रायः सभी क्रेडिट कार्ड में वार्षिक शुल्क, रिन्युअल चार्ज, ज्वाइनिंग फी आदि तरह के चार्ज लगता है। ऐसे में हम क्रेडिट कार्ड का उपयोग इक्का दुक्का भी करें तो भी हमें चार्ज पे करना ही होता है।

क्रेडिट स्कोर होता है प्रभावित :

एक तरफ जहाँ क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिये कई महीनों का अच्छा भुगतान रिकॉर्ड दिखाना पडता है वहीं एक आध बार का भुगतान चूक हमारे क्रेडिट स्कोर को बुरी तरह से प्रभावित करता है। खराब स्कोर के कारण लोन लेने में कठिनाई आती है और यदि सैंक्शन हो भी जाता है तो अधिक ब्याज दर लागू होता है।

मिनिमम ड्यू का का मायाजाल  :

क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मिनिमम ड्यु का प्रयोजन रहता है जिसमें लिमिट का 5% कम से कम भरना रहता है। यह रकम भरने के बाद भी हमें व्याज व लेट पेमेंट के रूप में बडी़ रकम चार्ज किया जाता है। साथ ही इंटरेस्ट फ्री क्रेडिट से भी हाथ धोना पड़ता है लेकिन कभी यह समझकर की यह भुगतान के लिये कम से कम भरने वाली रकम है जो हम भूल कर बैठते है।

क्रेडिट कार्ड बचत पर होता है भारी :

क्रेडिट कार्ड पैसों की उप्लब्धता  को अति सरल बना देता है।  अतः हम अपने अवास्त्विक क्रय शक्ति  (एक्स्पैंडिंग पॉवर) को बढा लेते हैं। देय तिथि तक हम सम्भवतः अपने खरीद को  बजट से ज्यादा कर जाते हैं। ऐसे में कार्ड भुगतान को वरीयता देने के चक्कर में अपनी बचत (सेविंग)  को इग्नोर करते हैं।

क्रेडिट कार्ड वित्तीय स्वतंत्रता पाने के उद्देश्य में होता है बाधक

वित्तीय सुरक्षा व चिंतामुक्त जीवन जीने के लिये लोग वित्तीय स्वतंत्रता FINANCIAL FREEDOM कैसे प्राप्त करें को प्राप्त करना चाहते हैं। परंतु क्रेडिट कार्ड वित्तीय स्वतंत्रता पाने के उद्देश्य को  प्रभावित करता है।  लोग ऑफर, डिस्काउंट, रिवार्ड  आदि के के पीछे भागने लगते हैं और उचित योजना नहीं बना पाते हैं। क्रेडिट कार्ड के उपयोग की लत वित्तीय आजादी के मार्ग में बाधक होता है।

क्रेडिट कार्ड में होता फ्रॉड का खतरा :

क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के प्रति काफी संवेदंशील होता है। क्रेडिट कार्ड के उपयोग में थोड़ी सी भी लापरवाही बड़े धोखाधड़ी को आमंत्रित करती है। फ्रॉड की घटना घटित हो जाने पर काफी बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के  लिये कार्ड के उपयोग में सावधानियाँ बरतने व धोखाधड़ी से बचने के तरीके को  (क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के 15+ तरीके) अमल में लाने की जरूरत है।

क्रेडिट कार्ड से कुछ पेमेंट में देने पडते है अधिभार व कंवेनिएंस फी   :

आमतौर पर ईंधन, रेल्वे बूकिंग आदि सेवाओं पर क्रेडिट कार्ड से किये गये पेमेंट पर सरचार्ज के रूप में अतिरिक्त  शुल्क वसूला जाता है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रीसिटि बिल पेमेंट, रेंट पेमेंट, गवर्मेंन्ट टैक्स, वालेत रिलोड आदि के भुगतान के लिये कंवेनिएंस फी    के रूप में अतिरिक्त भुगतान करना होता है।

क्रेडिट कार्ड की जटिल नियम और शर्तें  :

क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड जारी करने के लिये काफी जटिल नियम व शर्ते रखती है और कार्ड जारी करते समय इन शर्तों को मानने के लिये बाध्य करती है। कार्ड का नियंत्रण इन्हीं नियम व शर्तों के अधीन होता है। आम आदमी के लिये इन नियम व शर्तो को समझना मुश्किल होता है और हिडेन चार्ज व अन्य जुर्माने के शिकार हो जाते हैं।

निष्कर्ष :

इस लेख में हमनें क्रेडिट कार्ड के नुकसान किस तरह हमें आर्थिक रूप से प्रभावित करती है के बारे में विस्तार से जाना। क्रेडिट कार्ड अगर हम उपयोग कर रहें  है  या लेने के लिये सोच रहेन हैं तो हमारा हर सम्भव प्रयास होना चाहिये कि इन सम्भावी नुकसान को कम से कम रखे ताकि क्रेडिट कार्ड से होने वाले फायदे का सही तरीके से आनंद उठा सके।

Thanks Card
Dhanyavad

FAQs

Q क्या सभी क्रेडिट कार्डों की फीस होती है?

हाँ, क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड जारी करने के लिये ढेर सारे शुल्क जैसे जॉइनिंग फी, एन्युअल फी या रिन्युअल फी, कैश एडवांस फी, कैश ट्रांसफर फी, प्रोसेसिंग फी, रिवार्ड रिडेम्पशन फी, कार्ड इस्युएंस फी, इंटर्नेशनल ट्रांजैक्शन चार्ज, एटीएम विथड्रावल फी, रिवार्ड रिडेम्पशन फी, कार्ड इस्युएंस फी, एड ओन कार्ड फी आदि जैसे फीस की वसूली करती है। प्रोमोशन या ऑफर के तहत कभी कभी इनमे से कुछ फीस पर छूट या रियायत दे देती है।

Q क्या क्रेडिट कार्ड के वार्षिक शुल्क हैं?

जी हाँ. , क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ कार्ड जारी करने के लिये जॉइनिंग फी, व कार्ड को जारी रखने के लिये रिन्युअल फी या एन्युअल फी के रूप में वसूल करती है। प्रोमोशन ऑफर के तहत कुछ कम्पनियाँ कभी कभी इसे फ्री रखती है।

Q क्या क्रेडिट कार्ड में वार्षिक शुल्क और नवीनीकरण शुल्क एक ही है?

क्रेडिट कार्ड का वार्षिक शुल्क अथवा नवीनीकरण शुल्क एक ही होता है जिसे अलग अलग कार्ड कंपनियाँ वार्षिक शुल्क (एन्युअल फी) अथवा नवीनीकरण शुल्क (रिन्युअल फी) के रूप मे सूचित करती है।

Q क्या क्रेडिट कार्ड का जल्दी भुगतान करना बुरा है?

क्रेडिट कार्ड का जल्दी भुगतान करना बेहतर है। यह आपके ब्याज खर्च को कम करने में मदद करता है। आपके क्रेडिट स्कोर को मजबूत करता है। साथ ही आपका लिमिट को रिस्टोर करता है जिससे आप दूबारा क्रेडिट कार्ड के लाभ अवसरों को भुना सकते हैं।