क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है? जाने क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के 15+ तरीके

क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है? क्रेडिट कार्ड के साथ हमारा जर्नी काफी रोमांचक होता है। न कैश ढोने का झंझट और ना ही व्याज की चिंता। एक क्लिक अथवा टेप पर हम लेनदेन का काम कर सकते हैं। उपर से खरीददारी पर हमें कुछ ना कुछ उपहार भी मिल जाता है। और तो और कभी कभी मनचाहे सामानों पर बडी़ छूट का तोहफा।

इन्ही रोमांच के कारण आज कल लोगों का क्रेडिट कार्ड के प्रति क्रेज काफी तेजी से बढ रहा है।  जितनी तेजी से यह क्रेज बढ़ रहा है उतनी ही तेजी से धोखाधड़ी की घटनाये भी बढ रही है।  थोडी सी लापरवाही हमारे रोमांच को पीड़ा में बदल देता है यदि हम अपने क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ नही बनाते है। फ्रॉड प्रूफ क्रेडिट कार्ड किसी कम्पनी द्वारा इजहार नहीं किया जाता है बल्कि हम अपनी समझदारी व सावधानियों से  अपने क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ बना सकते है। इसके लिये आपको छोटी छोटी लेकिन अतिमहत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतने की जरूरत होती है। यहाँ में ऐसे ही बरती जाने वाली सावधानियों को विस्तार से बता रहा हूँ ।

इस लेख में आप चेक कर सकते है कि इन मापदंडों पर आप काम कर रहें हैं या नहीं। और क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?
क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है? जाने क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के 15+ तरीके

 

Table of Contents

क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

 क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिये ये उपाय करें

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने का एक ही मूलमंत्र है सावधानियाँ।  क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिये ये उपाय करें

जाने क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के 15+ तरीके

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के लिये आप नीचे दिये गये सावधानियों का पालन कर  धोखाधड़ी से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं:

सही व सुरक्षित कार्ड प्राप्त हों:

क्रेडिट कार्ड रिसीव करते समय यह सुनिश्चित हो लें कि यह पूर्ण सील कवर में प्राप्त हुआ है। पैकेट के साथ कोई छेड़खानी नहीं हुई है। फटे अथवा विकृत कवर मिलने पर जारीकर्त कम्पनी को सूचित करते हुये कार्ड रिटर्न कर दें।

क्रेडिट कार्ड के गुप्त जानकारी (क्रिडेंशियल्स) शेयर न करें:

आपके क्रेडिट कार्ड में 5 गुप्त जानकारियाँ होती है जिससे आपका कार्ड में लेनदेन नियंत्रित होता है । क्रेडिट कार्ड में लेनदेन को नियंत्रित करने वाली क्रिडेंशियल्स  आपके कार्ड की चाभी होती है।

क्रेडिट कार्ड में लेनदेन को नियंत्रित करने वाली क्रिडेंशियल्स

प्रकारविवरण
कार्ड का नंबर यह 16 अंको का युनिक स्ट्रक्चर्ड  नंबर होता है जो कार्ड जारी करने वाली कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह आपके कार्ड का ट्रैकिंग नंबर भी होता है। यह कार्ड के ऊपर एम्बोस्स्ड (खुदा हुआ) रहता है।
एक्सपायरी डेट या वैलिड थ्रू डेटयह वह तिथि होती है जब तक आप कार्ड को युज कर सकते है। यह कार्ड के उपर नीचले  भाग में खुदा होता है।
सीवीवी ( कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू)यह तीन अंको का कोड होता है जो किसी लेनदेन को अधिकृत करने के लिये आवश्यक होता है। यह प्रायः कार्ड के पिछले हिस्से में अंकित होता है।
ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड)यह लेनदेन का सम्पूर्ण डिटेल्स डालकर सबमिट करने पर प्रायः 6  या 8 आँकड़ों का मोबाइल मेसेज प्राप्त होता है जो लेनदेन को अंतिम रूप से अधिकृत किया जाता है।
पीन (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नम्बर)यह सामन्यतया 4 अंको का नम्बर होता है जो कार्ड जारीकर्ता कम्पनी द्वारा जारी किया जाता है।कुछ अपवाद वाले कार्ड को छोड़कर इसे बदला जा सकता है। यह एटीएम से कैश निकालने  व पीओएस पर पेमेंट अधिकृत करने के लिये उपयोग किया जा सकता है।

 

 ये 5 प्रकार की जानकारी बहुत ही सवेदंशील होता है और इसके द्वारा सभी प्रकार के लेनदेन अधिकृत होता है। अतः किसी भी परिस्थिति में इसे किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर न करें। बल्कि इसे कम्पनी के प्रतिनिधि को भी ना बताये।

सूचना :

कोइ भी कार्ड जारी कर्ता कम्पनी आपके इन 5 क्रिडेंशियल्स के बारे में कभी भी नहीं पूछता है। कार्ड का नम्बर भी अंतिम 4 आँकड़े ही पूछता है।

अतः इस जानकारी को कम्पनी के प्रतिनिधि को भी ना बताये।

 क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

पासवर्ड मजबूत बनाये व समय समय पर बदलते रहें:

अपने क्रेडिट कार्ड के लोगिन पासवर्ड क़ो इस तरह से बनाये कि कोइ इसे अंदाजा न कर सके। अपने पासवर्ड में उपर केस , लोवर केस वाले लेटर, नंबर और संकेतों के निशान (स्पेशल वर्ड) को शामिल करें। प्रचलित शब्दों, जन्म तारीख या एनीवर्सरी डेट , नाम आदि के प्रयोग से बचें।

साथ ही यह भी ध्यान रखे कि आप पासवर्ड समय समय पर बदल रहे हों।

सही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड और डबल वेरिफिकेशन के लिये एक्टिव  है:

यह सुनिश्चित हो लें कि आपका सही मोबाइल नंबर व ईमेल  रजिस्टर्ड है। मोबाइल नंबर या ईमेल  मे बदली होने पर शीघ्र इसे अपडेट कराये ताकि लेनदेन से जुडी जानकारी रियल टाइम आपको मिल सके।  साथ ही यह भी सुनिश्चित हो ले कि लेनदेन के लिये डबल वेरिफिकेशन प्रक्रिया के लिये एक्टिव है ताकि कोई भी लेनदेन के लिये अतिरिक्त सुरक्षा मिल जाय।

अज्ञात सोर्स से प्राप्त लिंक पर पहुंच से बचे :

आये दिन आपके ईमेल, व्हाट्सेप या टेक्स्ट मेसेज के माध्यम से बहुत से अपीलिंग मेसेज आते रहते हैं, जिसमे काफी आकर्षक ऑफर आपको भेंट की जाती रहती है। इस मेसेज में कुछ लिंक भी दिये रहते हैं जिसके माध्यम से आपको ऑफर की पहुंच मिलेगी ऐसी सलाह दी जाती है।

आप वैसे लिंक या ईमेल को कभी न खोले और ना ही अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी भी परिस्थिति में शेयर करें। अन्यथा आपकी व्यक्तिगत जानकारी हैक हो सकती है और आप बड़े धोखाधडी के शिकार हो सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड का डिटेल्स वेबसाइट पर सेव करने से बचें:

आरबीआई(RBI) के नये नियम के मुताबिक किसी भी वेबसाइट पर कार्ड डिटेल्स को सेव करने के लिये कार्ड धारक की स्वीकृति चाहिये। ऐसे में जब भी आप किसी वेबसाइट से खरीदी करते हैं अथवा ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो भविष्य के लेनदेन में आपको दुबारा क्रेडिट कार्ड का डिटेल्स न डालना पड़े इसके लिये मर्चेंट वेबसाइट क्रेडिट  कार्ड डिटेल्स स्टोर करने के लिये आपसे अनुमति मांगता है।  बेहतर यही है कि अपने  क्रेडिट कार्ड  डिटैल्स को स्टोर ना करें। यदि आप साइट के सुरक्षा व विश्वसनीयता से पूर्ण संतुष्ट हो तभी स्टोर करने की अनुमति दे। अन्यथा धोखाधड़ी की सम्भावना बनी रहती है।

आवश्यक न हो तो इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को बंद रखें:

क्रेडिट कार्ड में इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को ऑन रखना काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि बहुत से इंटरनेशनल वेबसाइट पर बिना ओटीपी भी लेनदेन सफल हो जाता है। ऐसे में यदि गलती से आपका कार्ड डिटेल्स लीक हो गया है तो काफी बडा नुकसान हो सकता है। अतः यदि आप रेगुलर इंटरनेशनल खरीददार नहीं है या विदेश यात्रा पर नहीं जा रहे हैं तो सलाह दी जाती है कि अपने कार्ड के इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन को बंद रखें

टैप ओन पे की सुविधा को बंद रखे :

आजकल सभी क्रेडिट कार्ड प्रायः कोंटैक्ट्लेस तकनीक के साथ डिलीवर हो रही है। इसमे यह सुविधा रहता है कि “टैप ओन पे” एनेब्ल्ड पीओएस पर एक टैप पर अपने इनवाइस का भुगतान कर सकते  हैं। ट्रांजैक्शन के लिये पिन डालने की आवश्यकता नही होती है। यद्द्यपि जरीकर्ता कम्पनी इसे क्लोनिंग आदि से बचाव के लिये इस फीचर्स को उपयुक्त बताती है। परंतु सामान्यतया अगर सावधानी बरते तो  क्लोनिंग के केस कम होते है। परंतु कार्ड के खो जाने, चोरी हो जाने की सम्भावना ज्यादा बनी रहती है। ऐसे में पूरा लिमिट आपका एक साथ बगैर पिन डालें खाली हो जायेगा। अतः टैप ओन पे की सुविधा को बंद रखने में ही भलाई है

क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

कार्ड को किसी को भी हैंडओवर ना करें :

अपने कार्ड को किसी को भी सुपुर्द ना करें । गलत व्यक्ति के हाथ लग जाने पर आपके लिये काफी नुकसांदेह हो सकता है।

पीओएस (POS) टर्मिनल पर पिन का सतर्कता से उपयोग करें:

पीओएस टर्मिनल पर पिन का उपयोग करते समय गुप्त रूप से डालें। यदि सुरक्षा का समुचित व्यवस्था ना हो तो अपने दूसरे हाथ से ढँक दें। यह सुनिश्चित हो लें कि किसी की नजर आपके तरफ नही है।

क्रेडिट कार्ड के लिमिट के अंदर स्वयं का सबलिमिट सेट करे :

क्रेडिट कार्ड के लिमिट को कार्ड जारीकर्ता  कम्पनी के साइट पर लोगिन कर या ऐप में लोगिन कर आवधिक जरूरत के हिसाब से स्वयं का सबलिमिट सेट करे  ताकि कार्ड के खो जाने, चोरी हो जाने, या गलत हाथों में चले जाने पर नुकसान कम हों।

क्रेडिट कार्ड के पीओएस लिमिट सेट करें :

कार्ड जारीकर्ता  कम्पनी के साइट पर लोगिन कर या ऐप में लोगिन कर आप अपनी खर्च के तौर तरीकों के हिसाब से  कार्ड के कार्ड के पीओएस लिमिट सेट करें। ऐसा करने से चोरी अथवा गुम हो जाने कि स्थिति में आपके कार्ड से एक बार अधिकतम तय लिमिट तक ही निकाल पायेगा।

क्रेडिट कार्ड के युपीआइ  लिमिट सेट करें :

इसी तरह से कार्ड के लिये युपीआइ  लिमिट को भी सेट करें।

सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर अपने लोगिन अकाउंट पर पहुंच से बचे :

अपने ऑनलाइन अकाउंट पर पब्लिक जगहों पर, साईबर कैफे मे  या सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग कर एक्सेस न करें। तकनीकी रूप से यह काफी संवेदनशील व फ्रॉड सम्भावित होता है जहाँ आपका अकाउंट हैक हो सकता है और आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते है।

क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

बरतें अतिरिक्त सावधानियाँ:

  • ऑफर, स्कीम आदि के लिये आये मोबाइल पर आने वाले अज्ञात कॉल पर पर्सनल जानकारी शेयर न करें।
  • ईमेल अथवा एसएमएस से प्राप्त लेनदेन की जानकारी को चेक करे व आश्वस्त हो जाएँ।
  • अपने मासिक स्टेटमेंट को पुरी तरह चेक करें।

उपर बताये गये उपायों को  रिव्यू कर आप आश्वस्त हो सकते है कि क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है?

फ्रॉड की सूचना तुरंत जारीकर्त्ता कम्पनी को दें:

गुम हो जाने पर या चोरी हो जाने पर शीघ्र  ही क्रेडिट कार्ड कम्पनी को  सूचित करें और अपने कार्ड को ब्लॉक करवाये  जिससे फ्रौड की घटना पर रोक लगे ।  फ्रॉड के घटित हो जाने पर तीन दिन के अंदर ही क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कम्पनी को सूचित करे। ऐसा करने पर फ्रॉड लेनदेन का रिवर्सल सम्भव हो सकेगा और आप क्षतिपूर्ति कें लिये पात्र हो सकेंगे।

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निष्कर्ष :

क्रेडिट कार्ड के उपयोग में की गयी जरा सी लापरवाही एक बड़े नुकसान को आमंत्रित करती है । ऐसे में इस लेख क्या आपका क्रेडिट कार्ड फ्रॉड प्रूफ है? जाने क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचने के 15+ तरीके में दिये गये महत्वपूर्ण उपायों द्वारा क्रेडिट कार्ड को फ्रॉड प्रूफ बनाकर आप आये दिन होने वाले क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बच सकते है और  क्रेडिट कार्ड के साथ रोमांचक सफ़र को एंज्वाय कर सकते हैं।

Thanks Card
Dhanyavad

FAQs

टैप ओन पे क्या है?

टैप ओन पे क्रेडिट कार्ड का कोंटैक्ट्लेस तकनीक है जिसकी सहायता से “टैप ओन पे” एनेब्ल्ड पीओएस पर एक टैप पर क्रेडिट कार्ड से अपने इनवाइस का भुगतान कर सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड में कोंटैक्ट्लेस ट्रांजैक्शन क्या है?

आजकल सभी क्रेडिट कार्ड प्रायः कोंटैक्ट्लेस तकनीक के साथ डिलीवर हो रही है। इसमे यह सुविधा रहता है कि “टैप ओन पे” एनेब्ल्ड पीओएस पर एक टैप पर अपने इनवाइस का भुगतान कर सकते हैं। ट्रांजैक्शन के लिये पिन डालने की आवश्यकता नही होती है।

क्रेडिट कार्ड में एक्सपायरी डेट या वैलिड थ्रू डेट का क्या महत्व होता है?

यह वह तिथि होती है जब तक आप कार्ड को युज कर सकते है। यह लेनदेन के लिये प्रयुक्त आवश्यक जानकारी क एक अंश है जो किसी भी क्रेडिट कार्ड पेमेंट के समय मांगा जाता है।

सीवीवी का फुल फॉर्म क्या होता है?

सीवीवी का फुल फॉर्म- कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू (Card Verification Value) होता है। यह तीन अंको का कोड होता है जो किसी लेनदेन को अधिकृत करने के लिये आवश्यक होता है।

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